Chandni Chowk के Redevelopment इलाके का बुरा हाल
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00:00लगभग 100 करोड की लागत, बड़े बड़े वादे और 12 सितंबर 2021 को भव्य उद्घाटन
00:06लेकिन आज यही चांदनी चौक का रीडवलप्मेंट इलाका, मिस्मैनेजमेंट और निगलिजन्स की भेंट चढ़ चुका है
00:14इसी हकीकत को जानने और देखने के लिए आज तक डिजिटल पहुचा चांदनी चौक
00:44पहली केम आती है और भाग जाते है
00:45तो गौवर्मेंट को चाहिए है कि हम जुरुगों के लिए कुछ तो मतलब फैसलेटी होना
00:50गुर्दवारे की जो पारकिंग है इसके लिए थोड़ा सा फ्री टाइम होना चीए
00:53इस लिएर का चलान है ये किसी भी काईले से हो नहीं सकता
00:57वाकि स्कूटर हैं एरिक्षाज हैं वाकि कोई भी गारी नौ से नौ के बीच में नहीं आपके
01:01यहां हस्पताल नहीं जानते लिए
01:03बैगर का मैंने बताया है जैसे मरजी कपड़ उतार रहे हैं
01:06क्यों भाग रहे हैं भाई इसमें भागने वाली क्या बात है
01:08आप देखो यह सब बॉलार्ज लाल होते थे इतम काले हो गए है
01:15गंदगी का हल देखो थू कितना सफाई की आलत देखें आप पूरा गंदगी गंदगी है पोस्टर देखें
01:22पीडर पीडर की हालत देखो आप जब से लगया उसके आप कोई पेंटी नहीं हुआ हुआ हुआ है
01:26यहां पर में रोड पर फसाद फेस टू में ठीक होने थे उसका बी प्लान अप्रूवड है
01:46सर्विस वहीकल आसकती हैं और इस्में बाकि बैंक से यह वहीकल थें सर्विस आफ्याल रही
01:50होजा है आसकती है बाकि स्कूर्टर हैं य.रिक्षाज है बाकि कोई भी गाड़ी नौसे 9 के बीच में नहीं आता जाए
01:56अब समय था ग्राउंड रियालिटी चेक का
02:18यह समझने का कि क्या वाकई यहां यह सब हो भी रहा है
02:22या यह महज बातें है
02:23पहला रियालिटी चेक यहीं से शुरू हुआ
02:28जब सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक वेहिकल मुव्मेंट बैन होता है
02:32तभी हमें इस रिस्ट्रिक्टिट जोन में ये कार दिखी
02:36और इसके साथ कई और कारें घूमती हुई नजर आई
02:39अभी हमने कार वाला मामला देखा ही था
02:43कि अगले ही पल हमारी नजर कुछ छोटे बच्चों पर पड़ी
02:47जो खुले आम नशा कर रहे थे
02:49हैरानी की बात यह थी
02:52कि यह सब चांदनी चौक की सबसे भीड़ भाड़ वाली सड़क पर हो रहा था
02:56जहां हर पल लोगों की भीड़ गुजर रही थी
03:26यह दो ग्राउंड रियालिटी देख हम फिर से संजय भारगव से मिले
03:55यह एधियासे खुवारा है इसका नाम था से सर नोट बुक्स फॉ�ntएन इसको इनोंने कभज़ा
04:04कर लिया ऑड़ कुछन नहीं है यहां थोलना कोई शहीदी यह बोलते शहीदी हॉई थी
04:09यह तो नौट बुक्स फाउंटेन है दिल्ली का पहला फाउंटेन था इसको इन्होंने उसको बना लिया अगर्दा के लिए थोड़ा सा गुर्दवारे की जो पार्किंग है इसके लिए थोड़ा सा फ्री टाइम होना चीए तो कि रात को नो से सुबह नो बजे तक खुलता �
04:39हम कालका जी से आते हैं तो ओटो करते थे पहले तो हम गुर्दवारे के सामने सीधा उतर जाते थे अब प्रॉब्लम यह है हम लोगों के लिए खास करके कि हम गेट के बाहर उतारते हैं
04:50प्रॉब्लम यह जो आप दोड़ी गंदगी देख रहे हो थोड़ी बहुत तो गंदगी है यह नहीं 100% होगी क्योंकि देखो गवर्मेंट भी प्लब यह को पूरा पूरा तो साफ करनी पाएगी क्योंकि आप खुच जानते उतनी पबलिक हैं कंट्रोल करना मुश्किल होत
05:20यहां दिखा सरे आम गुंडागर्दी का नजारा, चारों तरफ फैला कूडा, खुले आम नियमों का उल्लंगन और नशे में डूबे छोटे बच्चे
05:34इस रिपोर्ट का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जिन पर जिम्मेदारी है, वे इसे गंभीरता से समझें और निभाएं
05:41आपको आज तक डिजिटल की यह रिपोर्ट कैसी लगी? कमेंट कर जरूर बताईए