ओडिशा स्थित जगन्नाथ पुरी को देश के चार धामों में से एक माना जाता है. यहीं, भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ विराजमान हैं. 11 जून 2025 को भगवान जगन्नाथ को स्नान कराया जाएगा. इस दौरान सबसे पहले स्वर्ण कुआं, निगरानी करने वाले सेवादार की मौजूदगी में खोला जाएगा. भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा और सुदर्शन को सोने के 108 घड़ों से स्नान करवाया जाएगा. स्नान की प्रक्रिया जानने से पहले, वहां मौजूद कुआं का रहस्य जानते हैं, जिसके जल से भगवान का स्नान संपन्न होता है.स्कंद पुराण के अनुसार पांड्य राजा इंद्रद्युम्न ने कुँए के अंदर सोने की ईंटें लगवाईं थीं . मंदिर के पुजारियों का कहना है कि इस इस कुएं में कई तीर्थों का जल है. सीमेंट और लोहे से बना इसका ढक्कन करीब डेढ़ से दो टन का है, जिसे 12 से 15 सेवक मिलकर हटाते हैं. अब जानते हैं कि कैसे होता है यह अनुष्ठान, क्या है पूरी प्रक्रिया और इस दौरान क्या किया जाता है? सबसे पहले भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को मंदिर के गर्भगृह से बाहर स्नान मंडप तक लाया जाता है. इस दौरान विशेष मंत्रों का जाप होता है और आहुतियां दी जाती हैं. गौर करने की बात यह है कि स्नान के लिए 108 घड़ों का उपयोग होता है, जिनमें फूल, चंदन, केसर और कस्तूरी जैसे सुगंधित पदार्थ और कई तरह की औषधियां मिलाई जातीं हैं. स्नान मंडप में तीन बड़ी चौकियों पर सभी को विराजित किया जाता है. उनपर कई तरह के सूती कपड़े लपेटे जाते हैं, ताकि उनकी लकड़ी की काया पानी से बची रहे. फिर भगवान जगन्नाथ को 35, बलभद्र जी को 33 और सुभद्राजी को 22 घड़ों से नहलाया जाता है. बचे हुए 18 घड़े सुदर्शन जी पर चढ़ाए जाते हैं. जगन्नाथ की स्नान यात्रा में इस्तेमाल होने वाले स्वर्ण घड़ों को फिर से मंदिर के भीतर सुरक्षित स्थान पर रख दिया जाता है. स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ और बलभद्र को हाथी वेश पहनाया जाता है, जबकि सुभद्रा को कमल के फूल की पोशाक पहनाई जाती है.
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~ED.348~HT.336~
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00:00क्या आपको पता है कि भगवान जगणात की रत यात्रा के पहले क्या होता है?
00:06क्या है वहां मौजूद स्वर्ण कुए की कहानी?
00:09भगवान के स्नाव में इस्तिमाल हुए सोने के घड़ों का क्या होता है?
00:13नमस्कार मैं हुरिच्चा और आज में जगनात यात्रा से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य बताने वाली हूं जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे
00:27ओरिशा स्थित जगनात पुरी को देश के चार धामों में से एक माना जाता है
00:32यहीं भगवान जगनात अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलब्रद के साथ विराजमान है
00:3911 जून 2025 को भगवान जगनात को सनान कराया जाएगा
00:43इस दोरान सबसे पहले स्वन्ड कुआ निगरानी करने वाले सेवादार की मौझूदगी में खोला जाएगा
00:50भगवान जगनात उनके भाई बलब्रद, बहन सुभद्रा और सुदर्शन को सोने के 108 घड़ों से सनान करवाया जाएगा
00:59सनान की प्रक्रिया जानने से पहले वहां मौझूद कुए का रहस्य जानते हैं जिसके जल से भगवान का सनान संपन होता है
01:09सकंद पुरान के अनुसार पांडिय राजा इंद्रिद्युम ने कुए के अंदर सोने की इटे लगवाई थी
01:14मंदिर के पुजारियों का कहना है कि इस कुए में कई तीर्थों का जल है
01:19सिमेंट और लोहे से बना इसका धकन करीब देड़ से दो टन का है जिसे 12 से 15 सेवक मिलकर एक साथ हटाते हैं
01:29अब जानते हैं कि कैसे होता है अनुष्ठान
01:32क्या है पूरी प्रक्रिया और इस दौरान क्या किया जाता है
01:37सबसे पहले भगवान जगनात, बलभद्र और सुभद्रा को मंदिर के गर्भ ग्रिह से बाहर स्नान मंडप तक लाया जाता है
01:46इस दौरान विशेश मंत्रों का जाप होता है और आहूतिया दी जाती है
01:52गौर करने की बात यह है कि स्नान के लिए 108 घड़ों का उप्योग होता है
01:57जिनमें फूल, चंदन, केसर, कस्तूरी जैसे सुगंधित पदार्थ और कई तरह की ओशधियां मिलाई जाती है
02:05स्नान मंडप में 3 बड़े चौकियों पर सभी को विराजित किया जाता है
02:10उन पर कई तरह के सूती कपड़े लपेटे जाते हैं ताकि उनकी लकड़ी की काया पानी से बची रहे
02:17फिर भगवान जगनात को 35, बलभद्र जी को 33 और सुभद्रा जी को 22 घड़ों से नहलाया जाता है
02:25बचे हुए 18 घड़े सुदर्शन जी पर चढ़ाया जाते हैं
02:40को हाथी कवेश पहनाया जाता है जबकि सुभद्रा को कमल के फूल की पोशाक पहनाई जाती है अब जानते हैं कि इस परंपरा की शुरुवात कब हुई
02:50सकनपुरान के अनुसार पूरी के जगनात मंदिर में राजा इंद्रद्युम ने भगवान की लकड़ी की प्रतिमाय स्थापित की थी
02:5812 अताबदी से इस मंदिर में भगवान की पूजा करने से पहले उन्हें स्नान कराने की परब्बरा है
03:04मान्यता है कि स्क्नान के बाद भगवान को बुखार आ जाता है और वे 15 दिनों तक विश्राम करते हैं
03:13इस दोरान केवल प्रमुक सेवक और वैद यही भगवान के दर्शन कर सकते हैं
03:1815 दिन के बाद भगवान स्वस्थ होकर बाहर आते हैं और भगतों को दर्शन देते हैं
03:23इसके बाद रथ यात्रा पर निकल जाते हैं
03:27भारत की संस्कृती और सभ्यता में ऐसी कई पौरानिक कथाएं हैं
03:32जिन्हें सुनकर और उन्हें जानकर आप डातों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाएंगे
03:37ऐसी ही और खबरों के लिए देखते रहें One India धन्यवाद