00:25वर्तमान इस्तिती में देखें तो राजस्तान में उट की संक्या घड़ती जा रही है
00:30इस वक्त में उदेपूर कलेक्टेड के बाहर मोजुद हो
00:33जा राज़्टी पसुपालन संक्या पदादिकारी आएं
00:36उट को लेकर आएं क्या वीशे हैं
00:38किस मुद्दे को लेकर आप आएं क्या नाम आपका
00:40मेरा नाम लालजी राइका है
00:42मैं राश्टी पसुपालक संक्या अध्याफ्स हूँ
00:45आज यह हमने उट बचाओ आंदोलन के तहट
00:48हम यह लोग आंदोलन कर रहे है
00:50इसका मेन कारण यह है
00:52कि रोड के उपर देवारी बैपास में
00:54छे उट मारे गए
00:55लेकिन पुलिस ने कोई इनक्वारी नहीं की
00:58अग्याद वहान करके बंद कर दिया
01:01दूसरा यह है अभी तीन उट
01:03हाई टेंसन करंट से
01:06खतम हो गए उसकी भी कोई जांच नहीं
01:08पहली डिमांड हमारी यह है लोकल जो डिमांड है
01:10लेकिन जो आपने लारजर इश्यू
01:12बोला है कि उटों की संख्या कम
01:14क्यों होती जारी है उसका सबसे
01:16बड़ा कारण राजिस्तान में
01:18जो उट कानून है वो काला कानून है
01:21उसमें उट के व्यापार पे
01:23बहुत सारी पाबंधिया लगा दी है उसको कलेक्टर की परमिशन लेनी पड़ती है इससे उटों की कीमत उट कानून से पहले 40,000 रुपए पर उट कीमत थी आज 20,000 भी नहीं रही और जो एक दो साल के बचे हैं उनका बकरी से भी कम कीमत हो गई है इसलिए उट पालन एक profitable business �
01:53कोई प्रमोट ने किया हर चीज की MSP है इसलिए हमने डिमांड किया है कि उटनी के दूद की MSP होने चीए 80 रुपिया प्रती लीटर यदि सरकार ये डेरी उसकी लेती है तो उट पालुकों को ये profitable हो सकता है दूसरा रीजन तीसरा रीजन है जंगल बंद हो गया है और जो �
02:23किमांड है अगर उटों की बात करें तो फिलाल कितनी संख्या है और कितनी घट गई उटों की संख्या जैसे 10 साल में पहले की बात बता हूं करीब 6 लाक हुआ करती थी लेकिन आज 1 लाक से भी कम हो गई है और वो दिन दूर नहीं मैं तो बोलता हूँ 5 साल 5 साल में आपको
02:53बिलकोल भी इसके उपर ध्यान नहीं है इसके संडक्षन में और जो भी उन्होंने योजने शुरू की एक दम ग्राउंड लेवल से जुड़ी हूई नहीं है जैसे उट समर्दन की जो स्कीम है उसमें दो मैने तक के बच्चे के देंगे और फीमेल को देंगे बाखी को नह
03:23ग्रोप इंस्वरेंस कीजिए पचास उटों का ग्रोप इंस्वरेंस कीजिए ताकि उनको सुविदा मिल सके गोर्मेट इंप्राक्टिकल योजना जो उटपालकों से बिना बाच सीद किये हुए अपने आप कोई भी योजना बना देती है इसलिए कोई भी उसको बेनपि�
03:53पालक है उसमें कोई भी लिंकेज नहीं है एक भी मेरे को बता दे कि उनके योजना से इतनी उट बढ़े तो मैं चैलेज कर सकता हूं उसको अमरीकार की राष्ट पर आते हैं भारस से उट लेके जाते हैं लेकिन उटों पे काल मंडरा रहा है यह क्या कैस कारण से हाँ इसल
04:23करीब 10 परसेंट होंगे 85 परसेंट उट हमारे राजस्थान में है राजस्थान डेरी दूद नहीं ले रही है अमूल डेरी दूद ले रही है कितना विरूदा भास है
04:34कैसा देखते हैं अगर यह इस्तती पूरी निकल कर आती है तो उटों का जहाज डूबने वाला है विनास की तरफ है इसलिए मैं पॉब्लिक से रिक्वेस्ट करता हूं जनता से रिक्वेस्ट करता हूं कि महरवानी करके आपने उटों को बचाए यह अपनी इतिहास संस्क�
05:04जरकार यदी उपेक्षित कर रही है लेकिन पॉब्लिक उपेक्षित नहीं कर सकती और राष्टिय पसूपालक संग उट बचाओ आंदोलन हर जगह पे लेके जाएगा और जंता के बिहाब पे उटों को बचाओं को आंदोलन जारी रखेगा
05:22तो यह राष्टिय पसूपालन संग के पतादिकारी है जिनका दर्द सुना जो उटों की समस्चा लेकर आज इस भीशन गर्मी के बीच अभी दोपैर के धाई बच रहे है और अपनी समस्चाओं को बताने के लिए मौजूद है उनका सरकार से गुवार है कि उटों के संड