00:00सहबाद NDA की सबसे कमजोर कड़ी है, मोदी के हनुमान चिराग के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है, चिराग पासवान ने अभियान की सुरुवात सहबाद से की है, दावा यह है कि चिराग सहबाद छेत्र को रासन करेंगे.
00:19सहबाद हर कालखंड में करांती का गवाह रहा है, करांती की भूमी रही है, 1857 से लेकर आज तर इतने भी बिहार में बड़ी करांती हुई, वो सहबाद उसका गवाह रहा है, और यही कारण है कि हम लोगों ने सहबाद को शुना हमारे पाटी के राष्टिय अध्यक जब कल सह
00:49बड़ा जन सहलाब देखा गया, जिसमें हरवर्ग के लोग उपस्तित थे, पिषडा, अतिपिषडा, दलित, क्योंकि दलितों के एक बड़े हस्ताक्षर के रूप में चिराग जी को देश के बड़े नेता के रूप में जाना जाता है, कल जो उपस्तिती थी, वो देखने
01:19परके आ रही थी, अब उनका नामों निशान खत्म होने वाला है, इंडिये का प्रचंड बहुमत से इस बार सहाबाद में हम लोग ज्यादा से ज्यादा सीट जीतेंगे, या पहले ही मैं बहुत गंभिरता पुरवक आपको कहना चाहता हूं, कि आसन्न विधान सभा जो दो
01:49लेकिन उसके बार सहाबाद के लोगों को भरोसा और विश्वास ये जमा है, कि अगर विकास हो रहा है, तो इंडिये की सरकार के कारण हो रहा है, मोदी जी के और नितिश जी के कारण ये संभव हो सका है, उप्चुनाव गुए, दो सहाबाद का सीट था, ये दोनों सीट �
02:19कोई इस बात का जो हैसे अफसोस हो रही है, कि हमने पहले वो चीज सुनी चित क्यों नहीं कराया, अब जो हैसे आने वाले चुनाव में सहाबाद की एक एक सीट एंडिये की जोली में आएगी, सहाबाद के लोगों का विश्वास भरोसा हम लोगों ने चिका है, चिराग ए
02:49सीटों पर एंडिये को मिदवार होंगे, उन सभी उमिदवारों की जीत को सुनीचित कराने के लिए पुरा अपना एडी चोटी का पसीना लगा देगे, निश्चित रूप से हमारे हाँ सभी लोग एक मजबूत आधार है, मजबूत कड़ी है, हर घटक दल के लोग, हम एक
03:19मजबूत चात मजबूत की जमात है, और वो आए उनके साथ सो दूसर लोग जबूत इंकिलाब जिन्दावाद करके चले गए, तो हमारा सहाबाद कमजूर हो गया, आईसी कोई बात नहीं है, हमारा मजबूत था, मजबूत है, और मजबूत रहेगा, मौनलिया के इंद्रि
03:49बात रहेगा, जहां भी दलित पर अत्याचार्ज होता है, मौनलिया चिराग पासवांजी वहां नहीं पहुचते, उदारन कई यह कुदार है, तो वो माले का जो कोर वोटर हैं, उसमें अधिकांस दलित हैं, इससे आप इंकार नहीं कर सकते, इंडिया का मानना है या बीज
04:19सORकार है, उसमें साध संध कर लगाने में कामियावी हो, क्योंकि इनका जो कोर वोटर है, और इनके पास चिराग से बहतर विकल्प नहीं है, और चिराग को आरा में सभा करना, या सहावाद में शक्रिये करना, या बहुत बड़ी योजना का हिस्ससा बताया जा रहा है,