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  • 2 days ago
बिहार के एक मठ में देश का एक ऐसा मंदिर है, जहां राधा-कृष्ण के साथ गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा होती है. जानें वजह.

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00:00बिहार के मुझवफरूर में भारत का एक लौता मठ है जहां राधा कृष्ण के साथ स्री गुरुगर्ण साहिब की भी पूजा होती है।
00:18स्थानिये लोग बताते हैं कि मंदिर में एक दुरलब पांडुलीपी भी रखी है जिसका सम्मन सिख धर्म से है।
00:24मानेता है कि यह गुरु नानक देव जी ने मन्यारी में आकर स्वयम लिखा था।
00:29ग्रामीन मुकुल कुमार ने बताया कि पंद्रवी शताब्दी के अंत में स्मठ के अस्थापना की गई थी।
00:35गुरु नानक जी के दूतिय पुत्र स्रीचंद महराज के द्वारा जब उदासी संप्रदाय की अस्थापना की गई थी।
00:42तो जब उनके पुत्रों ने उदासी संप्रदाय की अस्थापना की गई थी।
01:12इस मनियारी मट में दूडलव गुरुगन साहिब की सेवा और पूजा के लिए एक यूवक अविनाश की तैनाती की गई है।
01:38गुरुगन साहिब का देखभाल और पूजा पाट करने वाले अविनास बताते हैं कि हर धर्म का सम्मान करना ही हिंदुत्व है।
01:47पिछले 12 साल से गुरुगन साहिब के देखभाल करनी की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है।
01:52मंदिल के पुजारी विल्ट गई है।
02:20मंदिल के पुजारी विरेंद्र भूशन ने बताया कि यह बेहत प्राचीन मठ है।
02:25यहां गाओं के संत मनिराम की जीवन समाधी भी है।
02:29इसके साथ ही मठ परिसर में राधा कृष्ण का मंदिर है।
02:33दूर दूर से लोग इसके दर्शन के लिए आते हैं।
02:36गुर्गंज साव का तो यहां देखते हैं कि हसलिक्षित जुहां।
02:43उनका यहां से की बहुत बढ़ी मानता है।
02:47दूर जाय से बहुत बार बार से बढ़ी बहुत संख्या में लोग आते हैं।
02:52आते रहते हैं।
02:59नागा साधु लोग भी आता हैं।
03:02नागा साधु लोग तो बहुत बहुत बहुत..
03:07अप्षी गो, सौशव गो..
03:11पंदेश व दूदू सौव का गुरूप में आते रहते है।
03:14इसलिकी मंदी में जादे दूदू पूज आते हैं।
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