जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने एक अहम फैसला लिया है। अब इस यूनिवर्सिटी में ‘कुलपति’ नहीं बल्कि ‘कुलगुरु’ कहा जाएगा। यूनिवर्सिटी की मौजूदा कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने खुद इस प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में रखा, जिसे सहमति भी मिल गई है।
00:00जवारलाल नहरू विश्व विद्याले ने एक एहम फैसला लिया है अब इस यूनिवर्सिटी में कुलपती नहीं बलकि कुलगुरु कहा जाएगा यूनिवर्सिटी की मौजुदा कुलपती प्रोफेसर शांती सिरी धुलपुडी पंडित ने खुद इस परस्ताव को विश
00:30मौहलें के साथ साथ जिस कांसेप्ट के कारण आप नाम मंदल रहे हैं कि हम जेंडर नूतरल टर्म करना चांदे कालिय 좋은 न्याइक शमानता है दो
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01:07ABVP ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे अच्छा कदम बताया है
01:37तो यहां पर जब वो आई थी तो हमने उनका स्वागत किया था क्योंकि हमारे केंपस को कोई महिला काउंचलर मिल रहा था
01:46और आज जब कुलपती से कुलगुरु चेंज कर दिया गया है इसमें कई आस्पेक्ट्स इन्वॉल्ड है
01:53जैसे एक तो यह कि यह हमारी प्राचीन जो परंपरा है उसका हमें एहसास दिलाती है
01:59हमें गर्व की अन्भूती कराती है तो मैं यही कहूंगा कि यह जो नोसन की लाई है सिंबल की लाई है इसको जारी रखना चाहिए इससे कॉन्फिडेंस आता है
02:09JNU के स्टूदेंस के मताबिक यह फैसला काफी नहीं है बलकि इसके साथ कई और बदलाव करने की जरूरत है
02:16इस फैसले को इसी साल से लागू किया जाएगा
02:39जिसका मतलब यह है कि आपसे युनिवर्सिटी के सभी ओफिशल डॉकिमेंट्स जैसे डिग्री सेटिफिकेट, न्यूकती पत्र या अन्य सरकारी कागजों में उल्पती शेप्त की जगह है