01:26ुदूनिदास जी कभीर पंती है मेरे आपको गना मेरे जज्जर में दस ग्यारा बारा नौंबर को आज से नहीं पिछले 120 साल से कितने 120 साल से हर साल मेरे घर में सत्संग होता है दस ग्यारा बारा कभीर साब की वानियों का गरीब
01:44दूनिदास जी दुद्वारा रचित उनके गरंत का चुनानी धाम से भी बहुत सारे संत आये हुए थे बहुत सारे उनके अनुयाही आये हुए थे आप लोगों का हम सब को इस बात से देखो किसी के ओपर कोई प्रेशर नहीं था पहली बात सुन लो अपने आप अपनी मर्�
02:14मालिक घर जाना से अरे हो ले ने हो ले सुरता त्यार मालिक घर जाना से नाले धोले ओड पैर ले कर सोडा सिंगार
02:35इस गैरा समझना इसका शब्द का मतलब समझना नाले दोले ओड पैर ले कर सोडा सिंगार राज नहीं तो तड़के परसों आवेंगे तेरे ले वनहार मालिक घर जाना से
02:56ये शब्द किस नगाया ये दूनी दास जी ने कवीर बनती कमाल कर दिया आप मैं आज जो कुछ भी मैं हूँ जो कुछ भी मैं हूँ मैं अपने दादा के आशरवास तो मैंने सोनी पत्से चुनाव ले रहा था बात खुल गी लेर अड़ा गाओं में अब लिखो
03:26लेर्अडा गाओं में धनी राम पटवारी जी हैं है धनी राम पटवारी जी हैं लेरादा गाओं में रवीbilir आशिय समादसे सजेंने सोनी पत्से छुनाव लड़ यह तूम
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04:075 km radius
04:09jam
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04:155-5-10 km
04:17वापस चले
04:19देखो
04:21ऐसा है
04:23देखो सुनो
04:25यह जमीन
04:27पहले परावर गाहों
04:29ने दान में दी
04:31ठीक है
04:33Congress की सरकार थी
04:35में
04:37किसी पर चिटा कसी नहीं कर रहे
04:39संस्था का मामल
04:41और एक ऐसी संस्था दो
04:431904 में शुरू हुई
04:45पढ़त प्रभुदयाल गौड ने उसकी शुरुवात की
04:47पढ़त भगवदयाल शर्मा
04:49पढ़त बेकी राम शर्मा
04:51पढ़त शिर्राम शर्मा
04:53दादा जी का भी बड़ा योग्ता दो दाथा संत पढ़ने ब्लदयाल की प्रशाद शर्मा तभीर पंती थे मेरे दादा भहुत बड़ा योग्ता धान था