00:00देखिए अभी थोजर पहले हमने होस्पिटल जाकर देखा और डाक्टरों के जो एक टीम है उनसे मैंने बात की तो उनका अभी इस्तिती तो गंभीर ही कहा जाएगा और गंभीर है ही इसलिए कि पल्स का रेट 37 से 42 45 तक जा रहा जब तक पल्स का रेट 55 से 60 नहीं जाएगा �
00:30लगभक्या मिर्तिव हो चुकी है उसके ख़वर भी चली भारत में देखे क्या होता आना फेंटी लेटर में थी और डाक्टर लोग उनके पती का कल से इंतिजार कर रहे था जो हम लोग के पास सुचना हम तो थे भी नहीं पटना में थे लेकिन हम लोग के पास यही सुचन
01:00से इंटी लेटर में अगर बारा घंटा कोई पैसेंट रह जाता है तो कभी माली जे इस बेट से उस बेट करने से उपर वाला की इतनी मर्जी होती है कि वो फिर से धरकन चलने लाता है हम लोग तो भगवान से ही मनाते हैं कि बचारी यह ठीक हो जाए देखे हमारा बच्प
01:30मैं उस समय से जान रहा हूं देखे वो बच्चे से लेकर शादी तक और आज होस्पीटल तक मैं इनका पूरा सफर थोरी सी बीमार चल रहे थी लेकिन आज के डेट में इससे अच्छा कोच कोई नहीं आज से दस दिन पहले हमसे बात हो रही थी फोन पर वो बोल रहे थी सर
02:00लेकिन उसको एक अपसोस था कि हम 15-18 साल सिम्डेगा में रहें और हमको लोग वहां से खूटी में टांसपर कर दिया गिया तो मैं उसको बोला यार तुम तो अपने घर पर बोले जो बोले कि जहां आदमी का काम रहता है वहां अच्छे थे ठीक है घर में आये खूस है ले