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  • 5/31/2025
बिहार में एक ऐसा गांव है, जहां हर घर में सरकारी नौकरी है. 300 घर हैं और 300 लोग सरकारी नौकरी में हैं. पढ़ें

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00:00यह बिहार की गया का तिलया गाउं इसे सरकारी नौकरी वाला गाउं भी कहते हैं दरसल इस गाउं में हर घर का एक आदमी सरकारी नौकरी से जुड़ा है
00:19गया जुला मुख्याले से लगभग साट किलोमेटर दूर बाके बाजार प्रखंड स्थितलया गाउं कभी नकसलियों का गड़ था लेकिन लोगों ने यहां कलम को अपनी ताकत बना कर आज अपनी अलग पहच्चान बना ली है
00:32इस्थाने निवासी बताते हैं कि 1966 में एक सिक्षक की नौकरी हुई उसके बाद से गाउं की प्रगरती शिरू हुई
00:40डॉक्टर से लेकर के रेल्वे के स्थियों भी हैं जज्ज भी हैं पुलिस विभाग भी हैं यहां का मनों बड़ा बाव द्रोगा भी हैं तो हर छेत में में डॉक्टर रेम्स के भी हैं
00:54कि यह जैसे में पहली नौकरी किसकी हुई थिया है सुदो चौधरी एक्ठो सिच्छक थे उन्हें से 66 में हुआ था तो पढ़ाई का जिसके उसी तेम से गाउं का प्रगत्ति हुआ हर बचा लोग का अपना सिच्छा जना आराम किया कि उस्टर में कुछ नहीं था खाली व
01:24सिच्छक जितेंद्र बताते हैं कि नबे की दशक में लोगों को सिच्छा का महतु समझ में आया उसके बाद से सभी एक दूसरे की मदद पढ़ाई में करने लगे ताकि सरकारी नौकरी की रहा आसान हो सके
01:48वहीं सिक्षक शंकर प्रसाद का कहना है कि लोगों ने एक दूसरे से सीखा और सिखाया
02:18उसको दूर करने का प्रयास किया उसका फलता रियल्ट बहुत अच्छा मिला कि सेंकडों से उपर की संख्या में आज सरकार के विभिन सेवाओं में काल्ज रखो
02:30अच्छा में सर यहां पर गौंग घर में नौकरी मात्रे कुछी घर में था मुश्किल से फाजियर होगा लेकिन लोग सिख्षा के महत्तों को समझा और साथ साथ यह भी समझा कि जब तक हम पढ़ेंगा नहीं तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएं
02:46तो उसके लिए लोग समझा रूप से हम उने परियास किया बच्चों को गार्जियन को कि समझा करते हुए पढ़ाई करें इस तरह के समस्या तो उसका समधान हो जो है और दूसरे से सीखें और सिखाएं
03:01युआ डॉक्टर गौतम प्रिसाद निराला कहते हैं कि किसी भी बदलाव के लिए पारिवारिक सपोर्ट के साथ गाउं का सपोर्ट भी बहुत जरूरी होता है
03:10सरस्वती संग के माधियम से मार दर्शन मिलता रहा जिसके कारेंट सफलता मिली
03:15वहीं चातर भी गाउं के महौल की तारीफ करते हैं
03:19वहीं दौती देवी के बेटे सरकारी अधिकारी हैं
03:22उन्होंने अपने जीवन के संगर्ष को ETV भारत के साथ साचा किया
03:26सपोर्ट के साथ साथ यहां पर सिनियर लोका सपोर्ट सरस्वती संग के माधियम से
03:31जो कुछ एडवाइस दिया गया, सजिसन दिया गया, पुरुचाहन किया गया
03:36उसके साथ साथ यह प्राइवेट स्कूल है, N.E.I. स्कूल
03:40इसके माधियम से पढ़ाई लिखाई शुरुवाती दोर में से हुआ, जो साहजोग मिलारा इसके माधियम से धिरे-धिरे इस आसतर तक पहुँछे हैं आज
03:53आज निर्देश के साथ उच्छी मकाम पहुँछे हैं
03:57Look, the most important thing is that as many seniors who are doing job in the job,
04:05they are focusing on the children who are ready to do the right guidelines.
04:12Those who are difficult, they always ask us if there is a problem, if there is a problem,
04:18if there is a problem with money, if there is a problem with books, then ask us a book.
04:23Whether it is a teacher or a senior, it is a good support.
04:29This is the reason that Tilya has reached such a place today.
04:32I have not learned from this class, Baba. I have learned from this class.
04:37Where are you going from?
04:39I don't know, but I don't know.
04:42Where are you going from?
04:44Where are you going from?
04:46Where are you going from?
04:49Yes.
04:53This is a story, Tilya, one of the people who have
05:14ETV Bharat ke liye gya se sartaj ahmed

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