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  • 5/31/2025
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Transcript
00:00बिर्जु जंगल से लकडियां काट कर बाजार में बेचने गया, तो उसे लकडियों के जादा अच्छे दाम नहीं मिले, जिस पर बिर्जु ने कहा,
00:12अरे भाया, इतने कम पैसे, इतने में तो मेरी मैनत भी नहीं निकलेगी, भाया, तumहारी लकडियां बहुत ही कमजोर हैं, इनका इतना ही दाम दे सकताओ, अरे भाया, देख लो, कुछ और मिल जाए, नहीं नहीं भाया, अच्छी लकडियां लाओ, तभी अच्छा दाम मिले�
00:42ुआ आने पर उसकी पत्नी नीलम ने कहा
00:46अजी समान ले आये आप
00:49हाँ हाँ ले आया हूँ
00:52यहाँ सुनकर बिर्चुन नीलम को थेला पकड़ा दिया
00:55नीलम ने जब समान दिखा तो कहा
00:59जी इसमें तो बहुत थोड़ा समान है
01:04मुझे पता है पर जितने पैसे थे सब का समान ले आया हूँ
01:10इस तरह हमारा गुजारा कैसे हो पाएगा जी
01:14आपको तो पता ही है हम लोग कितने मुश्किलों से गुजारा करते है
01:20हाँ हाँ मुझे पता है पर क्या करूँ कुछ समझ रही आता है
01:26इतनी मेहनत करता हूँ, फिर भी मेहनत कफल नहीं मिल रहा
01:31आप परेशान न होए, आप कोई और काम देख ले
01:36मैंने कई बार काम तलाशने की कोशिश की, पर किसी ने भी मुझे काम नहीं दिया
01:44यहां सुनकर नीलम भी काफी जदा परेशान हुई, इस पर पिर्जु ने कहा
01:49अच्छा, तो मैं फिर से जा रहा हूँ, जंगल में
01:54अरे, अब मच जाएए, कल चले जाना, वैसे भी शाम होने वाली है जी
02:02ठीक है, अगर तुम कह रही हो, तो कल चला जाता हूँ
02:06इसके बात पिर्जु गाउं में घुमने के लिए निकल गया, तब ही उसे एक आदमी मिला, और उसने कहा
02:14कहां जा रहे हो भाईया, और क्या हल चाल है
02:19क्या बताऊं भाईया, तुम्हें तो पता ही है, लकडिया काट कर कैसे गुजारा होता है
02:26हां भाईया, सही कह रहे हो, वैसे भी, अब आसपास के जंगलों में इतनी अच्छी लकडिया भी नहीं है
02:34इसके लिए तो जंगल के अंदर जाना पड़ेगा
02:38पर जंगल के अंदर तो बहुत सारे जंगली जनवर होंगे
02:42हाँ, जंगली जानवर तो होंगे, पर अब वही अच्छी लकडिया मिलेगी
02:47यहाँ सुनकर बिर्चो कापी जादा परेशान हो गया, क्योंकि वहाँ आदमी बिल्कुल ठीक है रहा था
02:55जंगल के किनारे की सारी लकडिया काट चुकी थी, आप अंदर ही लकडिया अच्छी बचिवी थी
03:01आगली सुबह ही बिर्चो कुलहाडी लेकर जंगल की तरफ निकल गया, जंगल में आने के बाद बिर्चु ने कहा
03:09अरे, यहाँ पर तो लकडिया ही नहीं है, वो आदमी सही कह रहा था, जंगल के अंदर ही जाना पड़ेगा, पर जंगल के अंदर जाना क्या सही रहेगा, क्योंकि वहाँ पर तो बहुत सारी जंगली जानवर होंगे, जो काफी खतरनाक होंगे
03:26Look at the jungle again bunları
03:33I get everything
03:36go
03:38and
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03:50One
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03:54It
03:56यहाँ पर भी कोई मजबूत पेट दिखाई नहीं दे रहा है
03:59जिससे मैं लकडिया काट कर ले जाओ
04:01लगता है और अंदर जाना पड़ेगा
04:04यही सोचकर बिर्चू और जंगल के अंदर आ गया
04:09पर उसे डर भी लगने लगा था
04:11क्योंकि यहाँ पर जंगली जानवर हो सकते थे
04:14तब ही उसे एक आवाज सुनाई दी
04:17बचाओ, बचाओ, कोई तो मुझे बचाओ
04:23आवाज को सुनकर बिर्चू काफी ज़्यादा हैरान हो गया
04:28अरे इस जंगल में ये किसकी आवाज है
04:31यही सोचकर बिर्चू उसी आवाज की तरफ चला गया
04:36तो उसने दिखा एक जाल में तोटा फसावा था
04:39उस तोटी को दिखकर बिर्चू ने कहा
04:42अरे तुम, तुम तो तोटे हो
04:46हाँ हाँ, मुझे बचाओ, अजाद करो मुझे
04:50पर तुम्हें यहाँ कैद किसने किया है
04:54वो सब में बाद में बताऊंगा
04:57पहले मेरे प्राणू की रक्षा करो
04:59वर्ना मैं मर जाऊंगा
05:01तोटी को इस तरह जाल में बंदे कर
05:04बिर्चू ने उसे आजाद कराया
05:06आजाद होते ही, तोटा एक राक्षस में बदल गया
05:10जिसे देखकर, मिर्चू पुरी तरह से डर गया
05:13अरे, तुम तो राक्षस हो
05:16हाँ, सही कहा, मैं राक्षस हूँ
05:24और अब मैं तुम्हें खा जाऊंगा
05:28ये तुम क्या कह रहे हो
05:33मैंने तो तुम्हें आजाद ही कराया
05:35और तुम मुझे ही खा जाऊगे
05:37ठीक है, तो मैं तुम्हें आज नहीं खाता हूँ
05:42पर अगर तुम कल दिखाई दिये
05:45तो मैं कल तुम्हें मार डालूँगा
05:48यहाँ सुनकर, बिर्चू काफी जदा परिशान हुआ
05:52और वहाँ से भागिया
05:54जंगल से बहार आने पर
05:56उसे एक साधू बाबा दिखाई दिये
05:58साधू ने जब बिर्चू को इतना परिशान दिखा
06:01तो उसने बिर्चू से कहा
06:03क्या हुआ?
06:05तुम इतने परिशान क्यों लग रहे हो?
06:07महराज, अभी मैं एक राक्षस को अजाद करके आया हूँ
06:12इसी वज़े से परिशान हूँ
06:14क्या? तुमने उस राक्षस को अजाद कर दिया
06:19पर मैंने तो उसे तोता बना दिया था
06:22यहां सुनकर बिर्चू ने साधू को सारी बात बताई
06:26जिससे सुनकर साधू ने कहा
06:29यह तो तुमने अनर्थ कर दिया है
06:32उस राक्षस ने जंगल में कई दुनों से उत्पाद मचा रखा था
06:37इसलिए मैंने उसे तोता बना कर कैद कर दिया था
06:41अब मैं क्या करू? मुझसे तो बहुत बड़ी भूल हो गई है
06:46तुम चिंता मत करो उसे दुबारा फिर से कैद किया जा सकता है
06:52यहां कहकर साधू ने उसे कुछ भबूती दी और उससे कहा
06:58यह लो भबूती और उस राक्षस के उपर डाल देना
07:04जिससे वो फिर से तोता बन जाएगा
07:07यहां सुनकर बिर्चु काफी ज़ाधा खुश हुआ और अपने घार आ गया
07:13अगले दिन वहां फिर से उसी जंगल में गया
07:16राक्षस ने जब बिर्चु को देखा तो बिर्चु से कहा
07:21तू आज फिर यहां मैने मना किया था न कि यहां मरता न
07:26You have to be told in my mind. But what would you do? The answer is something that's the question.
07:32I don't know. You can't cut down.
07:33I don't know? How can you cut down? It's very big.
07:41This is the idea that I know.
07:44I know you can't get up here.
07:46What? Why am I getting up here?
07:50अरे मैंने कल तुम्हें बचाया तो क्या तुम मेरा इतना सा काम नहीं कर सकते हो
07:56यहां सुनकर राक्षस ने कुलहाडी पकर ली और उसने कहा
08:01अरे यह कुलहाडी तो बड़ी ही हलकी है
08:05हाँ हाँ बहुत हलकी है अब जरा पेड़ भी काट दो
08:10यहाँ सुनकर राक्षस को काफी ज़्यादा गुस्सा आया
08:14पर कल की बात सुनकर राक्षस ने चार-पाच पेड़ काड़ दिये और उससे कहा
08:20लो, तुम्हारे पेड़ काड़ दिये है, अब ठीक है?
08:24हाँ, ठीक है, पर इन्हें मेरे घर तक तो पहुँचा दो, मैं कैसे ले जाऊंगा?
08:33तुमने क्या मुझे अपना नौकर समझ रखा है, जो सारा काम मुझसे करवा रहे हो?
08:38नहीं, नौकर नहीं, आप तो हमारे राजा है, अगर आप काम करोगे, तो आपका नाम होगा
08:46यहाँ सुनकर राक्षस उसकी बातों में आ गया, और वहाँ उसके खर तक लकडिया ले आया
08:52जब उसकी पत्नी ने राक्षस को देखा, तो वहाँ बुरी तरह से खबर आ गई, और बोली
08:58आजी, आजी, ये तो राक्षस है जी
09:03मुझे पता है, पर तुम धरो मत
09:06इसके बात राक्षस ने कहा
09:09अच्छा तो मैं जाता हूँ, कल दिखाए मत दे जाना जंगल में
09:14यहाँ कहकर राक्षस वहाँ से चला गया
09:18राक्षस के चाने के बात, नीलम ने अपने पती बिर्जू से कहा
09:22जी, यहाँ राक्षस कहां से आ गया, और आप इसके साथ
09:36तुम परिशान मत हो
09:38ये राक्षस हमें कुछ नहीं करेगा
09:41ऐसे कैसे नहीं करेगा
09:43राक्षस बहुत ही घतर ड RNA就是
09:46आपने देखा नहीं
09:48वहा कितना गुसे वाला लग रहा था
09:50हाँ हाँ मुझे पता है
09:53पर तुम परिशान मत हो
09:54कुछ नहीं होगा
09:55चलो मैं लकřिडियों को गạn कर बazaar में बेच देता हूँ
09:59आज से हम अमीर हो जाएंगे
10:01क्या?
10:03अमीर हो जाएंगे?
10:05पर कैसे?
10:08क्योंकि अब रोजाना यही राक्षस लकडिया काथ कर लाया करेगा
10:14राक्षस लकडिया काथ कर लायेगा?
10:16मुझे तो यकीन ही नहीं हो राजी, यह सथ क्या बहकी-बहकी बाती कर रहे हैं आप
10:23इसके बाद बिर्चु ने लकडियां काटी और बाजार में बेच आया
10:27आज उसे काफी अच्छे पैसे मिले, जिससे वहाँ घर का सारा राशन ले आया
10:33जिसे दिखकर नीलम काफी ज़ादा खुश हुई
10:36जी, आज पहली बार घर में इतना सारा राशन आया है, मैं बहुत खुश हूँ जी, बहुत खुश हूँ मैं
10:45हाँ, पहली बार नहीं, अब तो आता ही रहेगा, तुम चिंता मत करो
10:51अगली सुबह, बिर्जू फिर से जंगल में आ गया, जंगल में आने के बाद वहाँ लकडियां काटने लगा, तब ही राक्षस ने उसे दिखा और उससे कहा
11:03तेरी हिम्मत कैसे हुई, यहां आने की, मना किया था ना, फिर भी चला आया
11:08अरे, वो तो मैं आपको धन्यवाद कहने के लिए आया था
11:13धन्यवाद, पर मैं कुछ समझा नहीं
11:17अरे, मेरी पत्नीने आपके लिए भोजन में जाए, आप उसे ग्रहन कर लीजिए
11:22नहीं, नहीं, मैं सिर्फ मास खाता हूँ, ना कि यह खाना
11:28हाँ, हाँ, मैंने उसे यही बताया था, कि आप मास खाते हो, पर उसने कहा कि, अगर आप यह खाना खाओगे, तो आपको ताकत मिलेगी
11:39अच्छा, ऐसी बात है, ठीक है लाओ, मैं खा लेता हूँ
11:45यहाँ सुनकर, राक्षस ने खाना खा लिया, जिसमें भभूती मिली वही थी, और राक्षस बिर्जु के वर्ष में हो गया, इसके बाद बिर्जु ने कहा
11:56चलो, अब जल्दी-जल्दी लकडिया काट कर मेरे घर पर ले चलो
12:00यहाँ सुनकर, राक्षस जल्दी-जल्दी लकडिया काटने लगा, और घर पर ले आया
12:06घर पर आने के बाद, राक्षस ने लकडिया रखी, इस पर बिर्जु ने कहा
12:12अब तुम जाओ यहाँ से
12:14इस पर राक्षस वहां से चला गया
12:17धीरे धीरे
12:19बिर्चु इसी तरह राक्षस से काम करवाता रहा
12:22जिसे देखकर
12:23गाउव वाले काफ़ी जदह है रान ह prayers
12:25कि यह राक्षस बिर्चु की sadly
12:27कैसे मान रहा है
12:29क्योंकि राक्षस तो बहुत जदह खतरनाक था
12:32after a person said,
12:34and one person said,
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13:24hitha, pata laghe kama ke chakkar me raksas mujhe hi chabaj ae.
13:29Yaha keha kar waha ahatmi vahasse chala gya.
13:32Wohi birchuk kaafi zahada khush hua.
13:35Is per neelam nye kaha,
13:37Aap aagaji ji.
13:40Yaan, maa aaga ya.
13:41Vuesse, aaj khanay me kya banaaya hai?
13:45Aaj mene khanay me aapke manpacan sabji banaay hai.
13:48Aap to aam lago ke sukon ke din aaga hai ji.
13:51how
13:53yeah
13:54and , did you right it
13:55but it feels like
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13:57this
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14:20पर नीलम ने कहा।
14:50नहीं तो मैं तो कुछ नहीं भूल रहा हूँ।
14:54अरे यहां रोटी ले जाना, यह तो आप भूली गए, आप जंगल में चागर खाएंगे क्या इसे, हाँ?
15:03अरे हाँ हाँ, तुमने बिल्कुल ठीक कह, लाओ लाओ, इसके बिना तो आज काम ही नहीं होगा।
15:10यहां कहकर बिर्चु ने रोटी ली और जंगल के लिए निकल गया।
15:14जंगल में आकर बिर्चु लखडियां काटने लगा।
15:18जब बिर्चु को राक्षस ने देखा, तो वहां काफी सदक गुस्से में आ गया, और बोला
15:24तुम यहां पर क्या कर रहे हो, यह जंगल मेरा है, तुमसे मना किया था ना, तुमने मुझे बचाया, इसका मतलब यह नहीं, मैं तुम्हें हर बार छोड़ दूँगा।
15:38यहां कहकर राक्षस बिर्चु को मारने के लिए उसकी तरफ पढ़ने लगा, जिस पर बिर्चु ने उसे फिर से रूटी दी, और उससे कहा
16:03लो, पहले थोड़ा खाना खालो, जिससे तुम्हें ताकत मिल जाए
16:09नहीं, नहीं, मुझे नहीं खाना, पता नहीं, इसे खाने के बाद मुझे क्या हो जाता है
16:17आरे कुछ नहीं होता है, तुम पहले ये खाना खालो, तुम्हारे अंदर बहुत जादा ताकत आ जाएगी
16:25यहाँ सुनकर राक्षस ने फिर से उस रोटी को खा लिया और वहाँ बिर्चु के वश में हो गया
16:32इसके बाद बिर्चु राक्षस से अपने सारे काम करवाने लगा, उसने बड़े बड़े पीडों को जल्दी जल्दी कटवाया और उससे कहा
16:41चलो, अब इन्हें मेरे घर पर ले चलो
16:44इसके बाद राक्षस उन्हें घर पर ले आया, तभी अचानक उसका प्रभाव खत्म हो गया और उसने कहा
16:53यहां कहकर राक्षस बिर्चु को मारने के लिए आ गयाया, तभी बिर्चु ने भबोदी को राक्षस के ऊपर डाल दिया
17:22जिससे राक्षस फिर से तोता में बदल गया, यहां देखकर पिर्चु काफी ज़ादा खुश्वा और उससे बोला
17:30अब तुम इसी तरह तोते के रूप में भटको, तुम्हारा यही दंड है
17:35यहां सुनकर राक्षस वहां से तोता बनकर ओड़ गया, और अब बिर्चु और उसकी पत्नी नीलम काफी ज़ादा खुश्वते, और अब बिर्चु आराम से पहली की तरह,
18:05फ़िवार वार शुम्हारा है

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