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  • 5/30/2025
हजारीबाग के चौपारण में पहली बार बिरहोर समुदाय की बेटियों ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है.

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00:00चौपारन प्रखंड के वनांचल छेत्र में बसा छोटा सागाउं जमुनिया तरीक की विलुप्त होती वी आदिम जनजाती बिरहोर समुदाई की दो बेटियां कीरन और चानवा बिरहोर ने वो कर दिखाया जो पहले कभी किसी बिरहोर ने नहीं किया था
00:16इस जनजाती की दो बेटियों ने मैट्रिक परिच्छा में पर्थम अस्थान लाकर या साबित कर दिया कि महनत और इमांदारी से पढ़ाई किया जाए तो काम्याबी भी कदम चुमती है बेहत गरीबी और जनजाती वेवार में जीने वाली दोनों बेटियों के काम्याबी प
00:46अब ब्रांट अबिस्टर के रूप में उप्योग करने जा रहे हैं हजारी बाग जिले के लिए एवं राज्य के लिए जो है बड़ी अच्छी उपलपती है कि हमारे हाँ जो प्रिविटी जीजी ग्रूप है उसमें से दो बच्ची हैं एक चनवा कुमारी और एक किरन कु
01:16जो है इनके मादम से समझने कोशिश करी है कि जितने भी हमारे का सुर्वा विद्याले हैं उसमें जो प्रिविटी जीजी के जो बच्चे का नमांकन होता है उनके ड्रॉप आउट रेशियो को समझने कोशिश करी है
01:27इन बच्चियों की काम्याबी के पिछे एक सिख्चिका का बेहत महत्पून युगदान है
01:55बिरहोर बेटियों में एक का विवा मैट्रिक परिक्षा के पहले ही कर दिया जा रहा था
02:00ऐसे में सिख्चिका ने माता पिता और बच्ची को समझाया इसका यह प्रिणाम हुआ की जिसकी साधी रुख गई
02:07वह बेटी आज पिरहोर समाज के लिए नहीं बलकि हजारी बाग के लिए भी गौरो बनकर उभरी है
02:13सिख्चिका भी बताती है कि कस्तुरबा गांधी में दोनों बच्चियों ने पढ़ाई की है
02:17और कड़ी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करने के बाद यह मुकाम हासित की है
02:22दोनों रिष्टे में तो लगती है पर एक बच्ची अना थे किरन कुमारी और एक बच्ची चनवा कुमारी जो है
02:29उनके माता पिता है बहुत मुस्किन सी यह लोग इध्याले में रही चनवा की तो शादी होने वाली थी बाल विवा इनके गाजन कर रहे थे
02:36पिर हम लोग खुद ही गए जमुनिया तरी और यहां उनके गाजन्स को समझाए कि बच्चे को पढ़ने दीजे क्योंकि आपकी बच्ची बिरहोर जन जाती से है जो लुप्त हो रही है और यदि यह बच्ची मैट्रिक पास कर जाती है तो इनको तुरन अच्छा नौकरी �
03:06बात को लेकर बेहत खुस है कि उनकी काम्याबी पर स्रिफ बेहोर समाज ही नहीं बलकि जीला परसासन भी खुसी मना रहा है दोनों ने विश्वास दिलाया कि आने वाले समय में और भी अधिक महनत करके सपना पूरा करेंगे और अपने जन जाती समेत जीला का नाम रौसन क
03:36अच्छा लग रहा है थेंकि काम्याबी परिवार क्या करते हैं कैसे महनत कि परिवार मजदूरी करते हैं डौक्टर बनना उसको भी पढ़ाने के लिए कोशिश करेंगे शिखाने के लिए कोशिश करेंगे
03:56क्योंकि हम कस्तुर्वा गांधी वली कच्छ पारण पढ़ते थे और वहीं से हम मेट्री का एक्जाम लिखे और मैं बहुत अच्छा महनत की तो मेरा रिजल्ट अचा है इसलिए हमको फुरूसकार किये
04:13यह सफलता के आकड़े नहीं है बल्कि उमीद और संघर्स बद्राव की नहीं कहानी है
04:42चौपारण की रहने वाली दो बिरोहर बेटियों ने मैट्रिक परिख्छा में परसम अस्थान लाकर इतिहास रच दिया
04:49गौर परकास ETV भारत हजारी बाग

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