01:10जोगी जी हमेशा कहते थे बच्पन से उन्हें जो भी मिला उसके लिए उन्हें बहुत संधर्श करना पड़ा उनका सारा जीवन संधर्श से भरा है
01:23मुझे कहते वे बहुत दुख और पीरा हो रही है कि उनके मरने के बाद भी पापा बिचारे संधर्श ही कर रहे है उनकी प्रतिमा तक नहीं लग पा रही है
01:45जोगी जी जिस मिट्टी में जन में जिस छेत्र में पले बढ़े जिस मिट्टी में खेले जिस छेत्र के लोगों की सेवा की उस छेत्र में आज उनकी प्रतिमा लगाने हम सब को इतना संधर्श आधिर्क्यों करना पड़ रहा है