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  • 5/29/2025
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00:00मुझे नहीं बाइटना उसके सापने, मुझे नहीं बाइटना उसके सापने, मुझे ये फजूल का काना मना, ये नहीं हो रहा मुझे.
00:17I know, I know, it's hard.
00:20अविश्या फर्मा मुष्दार बेटी रही मैं.
00:23कभी कुछ जिगायत नहीं कि मैंने कभी कुछ फर्माइश नहीं किया, कभी कुछ गलत नहीं किया मैं.
00:31मैं जितनी भी कोशिश कर लू ना मैं वलीद कुछ नहीं कर सकती.
00:34मुझे उस मैं अपा की जलक नजर आती है.
00:37बिस्ट्रॉइंग इस रिलेशन्चिप इस सन और सको समझ ही नहीं कितनी बड़ी घलती करता है.
00:43अब मैं तुमर मदद करती.
00:46देखो, हम और कुछ करी नहीं सकते.
00:49हम आपस और कुछ चोईस ही नहीं है.
00:51जागें तो जागें, जागें.
00:53जागें.
00:54करना तो है ना?
00:56आओ, ललकर बनाते हैं.
00:58और तुम रिलाक्स करो सही है.
01:00ये निकाह भी नहीं होना चाहिए.
01:02माया की पूरी जिंदगी का मामला है.
01:04असाब कर देंगें हमारी जिंदगी की नहीं है.
01:06जिनके घर खाच क्यों ना?
01:08मैं मामुली कंकर से भी तरना चाहिए, साधिया बेगाम.
01:11तेंक यू.
01:12तुम बैटो ना, खाना खाले.
01:14बैट जाओ, इने प्यार से कह रहे थे.
01:17आजे.
01:24एक्जैम जोने वाले है तुमारे?
01:27मुझे, क्यो?
01:29शकल पे बाराज़ बजे हुआ है.
01:31आप मुझे बता देना, मेरी वैसे कुछ हुआ तुमी, प्लीज.
01:34अजे, मुझे, मैना वे निजरी है, टीटमेंट चल रहा है, ठीक हो जागा है.
01:38लेकिन फिर सब इतना अग्रेसिवली क्यों बेफ करें दे बाहर?
01:41वो इस वज़े से कर रहे थे, कि बाहिक भी डामेज हुए है, तो फाइनशल कंपनसेशन के लिए सेट्लमेंट की बात कर रहे थे.
01:48फाइनशल कंपनसेशन क्यों?
01:50मतलब…
01:52क्या कि अच्छा होगा कि अगर काम को बांट लिया जाए है, जैसे कि तुम एक दिन सारी जम्मेदारी कर लो और उसे दिन पना कर लेगी, आज तुम मेरे खाल में तुम नहीं शुरू कर दिया काम.
02:04जी हमी कर दिया.
02:05तो कल से बेटा तुम कर लेना, अगर किसी चीज के जरूरत हो, पूछना आओ, कुछ सवाल हो, तो हम दो तो है ना घर में.
02:11ट्रानी भी होती है किचर में.
02:13मैंने इतनी पावर दे दिया मेरे जहन में सवार होके बेठावा हैं.
02:17कौन है वो?
02:19जिसके लिए मैं अपनी पुरी जिंदगी दाओ पे लगा दूँ.
02:49नहीं, मैंने उठारी हैं.
02:59फिर कुछ होगा और मैं फसूंगी.
03:19कॉछ भी हो दोगी हैं.
03:33नहीं, मैंने नहीं, मैंने झाल है भी होगा है.
03:39नहीं, मैंने इतनी दोगा हैं.
03:47झाल झाल
04:17कर दो कर दो
04:47कर दो कर दो
05:17ये एक दिल चोले निवली कहानी है
05:23अरीबा और उमेर की दो अजनेबी
05:25जो किस्मत के एक अजीब केल में
05:27एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
05:29अरीबा एक खुद्दार
05:31ताली में अपता और खौफ देखने वाले लड़की है
05:34जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
05:36दूसरी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है
05:39जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना क्या है
05:42दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
05:45जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
05:48और उमेर वहा वलेंटायर की तोर पर काम करता है
05:51चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
05:59उमेर अरीबा के होसले और खुलूस dari मतासिर होता है
06:03जबकि अरीबा उमेर के अंदर चूपे डर्द और सचाई को महसूस करती है
06:08लेकिन किसमत एक बार पर अम्तिगान लेती है
06:10अरीबा के वालदी ने इसका रिश्टा किसे अमीर कहनदान में तेक कर दिया होता है
06:15जबकि उमेर का माज़िया और गर्वत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
06:21अरीबा के वालिद साफ कह देते हैं
06:23हम अपनी बेटे को कहती ही मामूल ये ललके के साथ नहीं बान सकते
06:27अरीबा के साथ अरीबा के जिन्देगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
06:32लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
06:35वो अपने जिन्देगी के पेसले खुद करेगी
06:38अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
06:42एक कामे आप डाक्टर बनती है
06:44और कियी साल बहाद जब दोनों दूबारा मिलते हैं तो वक कैद छूट छूट की होती है
06:49विवर्ज आखरे सीन मेरी अरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कैदी है
06:53वकत हमें कैद तो कर सकता है
06:56मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
06:59महबत को नहीं मार सकता
07:02आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते हैं और अरीबा अपने गर आती है और गर में अपने बाप के सामने कहती है कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
07:17तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़े इज़त है इसके बात मानी जाती है तो इसके बाप राजी हो जाता है और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है इस ड्रामस से लिके हवाले स
07:47जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लिलकी है जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है दूसी तरफ उमेर एक यतीम लिलका है जिसने बच्पन ही में जिन्दग
08:17रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा उमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिखान लेती है अरीबा के वालदीन ने इसका रि�
08:47ललगे के साथ नहीं बान सकते
08:49अमीर इज़त और ग dispclass अरीबा के साथ
08:51अरीबा के सिद्धा की से दोर होने का पेसला कर लेता है
08:54लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
08:57वो अपनी जिन्दगी के पेसले खुद करेगी
09:00अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
09:03एक कामे आप डाक्टर बनती है
09:05और कियी साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
09:08तो वक्त कैद छूट चुट चुकी होती है
09:10विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कैदी है
09:15वक्त हमें कैद तो कर सकता है
09:17मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
09:21महबत को नहीं मार सकता
09:23आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
09:29और अरीबा अपने गर आती है
09:31और गर में अपने बाप की सामने कहती है
09:33कि मैं उमेर से महबत करती हूँ
09:36और मुझे अमेर हर हालत में चाहिए
09:38तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
09:44तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
09:48इसके बात मानी जाती है
09:49तो इसके बाप राजी हो जाता है
09:51और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
09:55इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के में करें
09:58साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
10:01तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ज
10:03ये एक दिल चोले निवली कहानी है
10:06अरीबा और उमेर की दो अजने भी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
10:12अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लिलकी है
10:17जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
10:20दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना किया है
10:26दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
10:31और उमेर वहा वलनिटार की तोर पर काम करता है
10:34चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
10:42उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
10:51लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है अरीबा के वालदेन ने इसका रिष्टा किसे अमेर खनादान में तेय कर दिया होता है
10:58जिबके अमेर का माज़िया और गुरूस इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
11:04अरीबा के वालिद साथ कहे देते हैं
11:06हम अपनी बेटे क्यों केती
11:08मामूल ये लड़के के साथ नहीं बान सकते
11:10उमिर इज़त और गयरत के साथ
11:13अरीबा के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
11:15लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
11:18वो अपने जिन्देगे के पेसले खुद करेगी
11:21अरी बगर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
11:25एक कामे आप डाक्टर बनती है
11:27और कियी साल बहाद जब दूनों दुबारा मिलते है
11:29तो वक कैद छूट चुकी होती है
11:32विवर्ज आखरी सीन में अरी बाव अमेर के हाथ तामकर कहती है
11:36वकत हमें कैद तो कर सकता है
11:39मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
11:42महबत को नहीं मार सकता
11:45आप देखेंगे के इसी दौरान ये दोनों आते है
11:50और अरीबा अपने गर आती है
11:52और गर में अपने बाप के सामने कहती है
11:55कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ
11:57और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
12:00तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो अब एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
12:06तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
12:09तो इसके बाप राजी हो जाता है
12:13और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
12:16इस ड्रामस से लिके हवाले से अपने राय की जहार लाज़िवी के मैंने करें
12:20साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
12:23ये एक दिल चोले निवली कहानी है
12:27अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दुरसे के साथ बन जाते है
12:33अरीबा एक खुदार, तालीम अपता और खौब देखने वाले लिलकी है
12:38जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
12:41दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है
12:43जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खु का सामना किया है
12:47दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
12:50जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है
12:53और उमेर वहा वलेंटार की तोर पर काम करता है
12:56चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
13:04अमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
13:07जब के अरीबा अमेर के अंदर शुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
13:12लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है
13:15عریبہ کے والدین نے
13:17इसका रिष्टा किसे अमिर खनादान में तेय कर दिया होता है
13:20जबकि उमिर का माज़िया और गुरुबत
13:22इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
13:26अरिबा के वालिद साब कह देते हैं
13:28हम अपनी बेटे क्यों के ती
13:29मामूली लड़के के साथ नहीं बान सकते
13:32अमिर इज़त और गेरत के साथ
13:34अरिबा के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
13:37लेकिन अरिबा पेसला कर चुकी होती है
13:40वो अपने जिन्दगी के पेसले खुद करेगी
13:43अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
13:46एक कामे आप डाक्टर बनती है
13:48और कियी साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
13:51तो वक्त कैद छूट चुट चुकी होती है
13:53विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कैदी है
13:58वक्त हमें कैद तो कर सकता है
14:00मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
14:04महबत को नहीं मार सकता
14:07आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
14:12और अरीबा अपने गर आती है
14:14और गर में अपने बाप की सामने कहती है
14:16कि मैं उमेर से महबत करती हूँ
14:19और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
14:21तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
14:27तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़े इज़त है
14:31इसके बात मानी जाती है
14:32तो इसके बाप राजी हो जाता है
14:34और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
14:38तो इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के में करें
14:41साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूरिये
14:44तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ेज
14:46ये एक दिल चोले नवाली कहानी है
15:04जिसने बच्पन ही में जिन्देग के तल्ख्यू का सामना किया है
15:09दोनों की मुलाकात एक अस्पताल में होती है
15:11जब अरीबा अपने वालदा की लाज़ के लिए आती है
15:14और उमेर वहा वलेंटायर की तोर पर काम करता है
15:17चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
15:25उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
15:29जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
15:34लेकिन किसमत एक वार प्रिम्ति� born लेती है
15:37अरीबा के वालदीन ने इसका रिश्टा किसी अमेर कानादान में तेयर कर दिया होता है
15:42जिबके अमेर का माजagan और गो इसके रास्ते में देवार बन कर कड़ी हो जाती है
15:47अरीबा के वालद साब कहे देते हैं
15:49हम अपनी बीटे क्यों कैती मामूल ये ललके के साथ नहीं बाद सकते
15:53अमिर इजड़ और गारत के साथ अरी बाके जिन्दकी से दूर होने का पैसला कर लेता है
15:59लेकन अरीबा पैसला कर चुकी होती है
16:01वो अपने जिन्दकी के पैसले खुड करेगी
16:04अरीब गर चोड़कर अपनी तालियम मुकमल करती है
16:08एक कामे आप डाक्टर बनती है
16:10और कियी साल बहाद जब दोनों दूबारा मिलते है
16:12तो वक कैद छूट चुट चुकी होती है
16:15विवर्ज आखरे सीन में अरीब आओ मेरे के हाथ ताम कर कहती है
16:19वकत हमें कैद तो कर सकता है
16:22मगर मुहबत को कैद नहीं कर सकता
16:26मुहबत को नहीं मार सकता
16:28आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
16:33और अरीबा अपने गर आती है
16:35और गर में अपने बाप के सामने कहती है
16:38कि मैं उमेर से मुहबत करती हूँ
16:41और मुझे अमेर हर हालत में चाहिए
16:43तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो अब एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
16:49तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
16:53इसके बात मानी जाती है
16:54तो इसके बाप राजी हो जाता है
16:56और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
16:59इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के में करें
17:03साथ में हमारे यटूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
17:06तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ज
17:07ये एक दिल चोले निवली कहानी है
17:10अरीबा और उमेर की दो अजने भी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसे के साथ बन जाते है
17:16अरीबा एक खुदार, तालीम अपता और खौब देखने वाले लड़की है
17:21जो अपनी जिन्दगी में कुछ बढ़ा करना चाहती है
17:24दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है
17:26जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तलख्यू का सामना किया है
17:30दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
17:33जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है
17:36और उमेर वहा वलनिटार की तोर पर काम करता है
17:39चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
17:47उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
17:51जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
17:55लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है
17:58अरीबा के वालदीन ने इसका रिष्टा किसे अमेर खनादान में तेय कर दिया होता है
18:03जिबके अमेर का माज़िया और गुरुबत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
18:09عریبہ کے والد صاحب کہہ دیتے ہیں
18:11हम अपनी बेटे क्यों केती
18:12معامولी ललके के साथ
18:14नहीं बान सकते
18:15अमिर इज़त और गैरत के साथ
18:17عریبہ के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
18:20लेकिन عریبہ
18:21पेसला कर चुकी होती है
18:23वो अपने जिन्दगी के पेसले
18:25खुद करेगी
18:26عریب घर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
18:29एक कामे आप डाक्टर बनती है
18:31और कई साथ बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
18:34तो वक के चुट चुकी होती है
18:37विवर्ज
18:38आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कहती है
18:41वकत हमें केद तो कर सकता है
18:44मगर महबत को केद नहीं कर सकता
18:47महबत को नहीं मार सकता
18:50आप देखेंगे के
18:51इसी दौरान
18:53ये दोनों आते है
18:55और अरीबा अपने गर आती है
18:57और गर में अपने बाप के सामने कहती है
18:59कि मैं उमेर से
19:01महबत करती हूँ
19:02और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
19:05तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
19:10तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़े इज़त है
19:14इसके बात मानी जाती है
19:15तो इसके बाप राजी हो जाता है
19:18और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
19:21इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के में करें
19:24साथ में हमरे येटूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
19:28तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
19:29ये एक दिल चोले निवली कहानी है
19:32अरीबा और उमेर की दो अजने भी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
19:38अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लिलकी है
19:43जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
19:46दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तलखिव का सामना किया है
19:52दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
19:57और उमेर वहा वलेंटायर की तोर पर काम करता है
20:01चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
20:08उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
20:17लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है अरीबा के वालदीन ने इसका रिच्टा किसे अमेर खनदान में तेय कर दिया होता है
20:24जिबके अमेर का माज़िया और खुलूस इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
20:30अर्यबा के वालिद साथ कहँ देते हैं
20:33हम अपनी बेटे क्यों किती
20:34मामूल ये ललके के साथ
20:35नहीं बान सकते
20:36उमिर इजद़ और गयरत के साथ
20:39अर्यबा के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
20:42लेकिन अर्यबा पेसला कर चुकी होती है
20:45वो अपने सिंदेगे के पेसले खुद करेगी
20:48अरिब घर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
20:51एक कामयाब डाक्टर बनती है
20:53और कियी सार बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
20:56तो वक्त कैद चूच चूच की होती है
20:58विवर्ज आखरे सीन में अरिब आउमेर के हाथ ताम कर कहती है
21:02वक्त हमें केद तो कर सकता है
21:05मगर महबत को के दिन नहीं कर सकता
21:09महबत को नहीं मार सकता
21:11आप देखेंगे के इसी दौरान ये दोनों आते है
21:16और अरिब आपने गर आती है
21:18और गर में अपने बाप के सामने कहती है
21:21कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ
21:24और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
21:26तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
21:32तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
21:36इसके बाप राजी हो जाता है
21:39और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
21:43इस ड्रामा से लिए के हाले से अपने राय की जहार लाज़ी के में करें
21:46साथ में हमरे येटूब का चीनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
21:49तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ेज
21:51ये एक दिल चोले निवली कहानी है
21:54अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसे के साथ बन जाते है
22:00अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लड़की है
22:04जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
22:07दूसी तरफ उमेर एक एतीम लड़का है
22:09जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तलखिव का सामना किया है
22:13दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
22:16जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
22:19और उमेर वहा वलन्टायर की तरफ पर काम करता है
22:22चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
22:30अमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
22:34जब के अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
22:38लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिखान लेती है
22:41अरीबा के वालदेन ने इसका रिष्टा किसे अमेर खनादान में तेय कर दिया होता है
22:46जब कि अमेर का माज़िया और खुलूस इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
22:52अरीबा के वालद साब कह देते हैं
22:54हम अपनी बेटे क्यों केती मामूल ये ललके के साथ नहीं बाइन सकते
22:58अमीर इज़त और गारत के साथ अरीबा के सिद्धी से दोर होने का पैसला कर लेता है
23:03लेकिन अरीबा पैसला कर चुकी होती है
23:06वो अपने जिन्दशे के पैसले खुद करेड़ी
23:09अरीबा गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
23:12एक कामे आप डाक्टर बनती है
23:15और कई साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
23:17तो वक कैद छूच चुच चुकी होती है
23:20विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कैदी है
23:24वकत हमें कैद तो कर सकता है
23:27मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
23:30महबत को नहीं मार सकता
23:33आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
23:38और अरीबा अपने गर आती है
23:40और गर में अपने बाप की सामने कहती है
23:42कि मैं उमेर से महबत करती हूँ
23:45और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
23:48तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
23:53तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़े इज़त है
23:57इसके बात मानी जाती है
23:59तो इसके बाप राजी हो जाता है
24:01और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
24:04इस ड्रामस से लिके होले से अपने राय की जाहर लाजी में करें
24:07साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूरिये
24:11तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
24:12ये एक दिल चोले निवली कहानी है
24:15अरीबा और उमेर की दो अजने भी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते है
24:21अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लड़की है
24:26जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
24:29दूसरी तरफ उमेर एक एतीम लड़का है
24:31जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना किया है
24:35दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
24:38जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
24:40और उमेर वहा वलेंटार की तोर पर काम करता है
24:44चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
24:51उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
24:55जिब के अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
25:00लेकिन किसमत एक बार पिर अमतिहान लेती है
25:03अरीबा के वाल दिन ने इसका रिच्टा किसे अमेर खनदान में तेय कर दिया होता है
25:08जिब के अमेर का माज़े और खुलूस इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
25:13अरीबा के वालिट साथ कह देते है
25:15हम अपनी बेटे को केती मामूल ये ललके के साथ नहीं बान सकते
25:20अमिर इज़त और गहरत के साथ अरीबा के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
25:25लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है वो अपने जिन्दगी के पेसले खुद करेगी
25:31अरीबा गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
25:34एक कामे आप डाक्टर बनती है
25:36और कियी साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
25:39तो वक्त कैद चूच चूच चूच होती है
25:41विवर्ज आखरे सीन में अरीबाओ मेरे के हाथ ताम कर कैदी है
25:46वक्त हमें कैद तो कर सकता है
25:48मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
25:52महबत को नहीं मार सकता
25:54आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते हैं
26:00और अरीबा अपने गर आती है
26:02और गर में अपने बाप के सामने कहती है
26:04कि मैं उमेर से महबत करती हूँ
26:07और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
26:09तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
26:15तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी ईज़त है
26:19इसके बात मानी जाती है
26:20तो इसके बाप राजी हो जाता है
26:22और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
26:26इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के में करें
26:29साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
26:32तैंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ज
26:34ये एक दिल चोले निवली कहानी है
26:37अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
26:43अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लिड़की है
26:48जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
26:50दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना किया है
26:56दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
27:02और उमेर वहा वलनिटार की तोर पर काम करता है
27:05चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रब्ता रब्ता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
27:13उमेर अरीबा के होसले और खलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
27:21लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है
27:24अरीबा के वालदेन ने इसका रिश्टा किसे अमीर खनदान में तेयर कर दिया होता है
27:29जब कि अमीर का माज़िया और गर्वत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
27:35अरीबा के वालद साफ कह देते हैं
27:37हम अपनी बेटे को केती मामूली लड़के के साथ नहीं बांथ सकते
27:41उमेर इसत और गरत के साथ अरीवा के जिन्दगी से दूर होने का पेसला कर लेता है
27:46लेकिन अरीवा पेसला कर चुकी होती है
27:49वो अपने सिंदगी के पेसले खुद करेगी
27:52अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
27:56एक कामे आप डाक्टर बनती है
27:58और कियी साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
28:00तो वक कैद छूट छूट की होती है
28:03विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कैदी है
28:07वकत हमें कैद तो कर सकता है
28:10मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
28:13महबत को नहीं मार सकता
28:16आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
28:21और अरीबा अपने गर आती है
28:23और गर में अपने बाप की सामने कहती है
28:25कि मैं उमेर से महबत करती हूँ
28:28और मुझे अमेर हर हालत में चाहिए
28:31तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो अब एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
28:36तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़े इज़त है
28:40इसके बात माने जाती है
28:42तो इसके बाप राजी हो जाता है
28:44और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
28:47इस ड्रामस से लिके होले से अपने राय की जाहर लाजी में करें
28:50साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
28:54तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
28:55ये एक दिल चोले निवली कहानी है
28:58अरीबा और उमेर की दो अजने भी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते है
29:04अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लड़की है
29:09जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
29:12दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्ख्यू का सामना किया है
29:18दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है
29:23और उमेर वहा वलेंटार की तोर पर काम करता है
29:27चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
29:34उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
29:38जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
29:43लेकिन किसमत एक भार फिर अम्तिहान लेती है
29:46अरीबा के वालदेन ने इसका रिच्टा किसे अमिर खनादान में तेह कर दिया होता है
29:51जिबके अमेर का माज़िक और गरुबत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
29:56عریبہ کے والد صاحب کہہ دیتے ہیں
29:58हम अपनी बेटे क्यों केती
30:00معامول ये लड़के के साथ
30:02नहीं बान सकते
30:03अमिर इज़त और गैरत के साथ
30:05عریبہ के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
30:08लेकिन عریبہ पेसला कर चुकी होती है
30:11वो अपने जिन्दगी के पेसले
30:12खुद करेगी
30:14अरी बेगर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
30:17एक कामे आप डाक्टर बनती है
30:19और कई सार बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
30:22तो वक्त के चुट चुकी होती है
30:24विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कहती है
30:29वक्त हमें केद तो कर सकता है
30:31मगर महबत को केद नहीं कर सकता
30:35महबत को नहीं मार सकता
30:37आप देखेंगे के इसी दौरान ये दोनों आते है
30:43और अरीबा अपने गर आती है
30:45और गर में अपने बाप के सामने कहती है
30:47के मैं उमेर से महबत करती हूँ
30:50और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
30:52तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
30:58तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
31:02इसके बात मानी जाती है
31:03तो इसके बाप राजी हो जाता है
31:05और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
31:09इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के मैंने करें
31:12साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
31:15तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ज
31:17ये एक दिल चोले निवली कहानी है
31:20अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
31:26अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लिलकी है
31:31जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
31:34दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्ख्यू का सामना किया है
31:40दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
31:45और उमेर वहा वलेंटार की तोर पर काम करता है
31:48चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
31:56उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
32:05लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है अरीबा के वालदीन ने इसका रिच्टा किसे अमेर खनदान में तेय कर दिया होता है
32:12जिबके अमेर का माज़िया और खुलूस इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
32:18अरीबा के वालद साब कहए देते हैं हम अपनी बेटे क्यों कहेती ही मामूले लड़के के साथ नहीं बान सकते
32:24ओमेर विच्गे खुलूस वर घरत के साथ अरीबा के जिन्दगी से दूर होने का पैसला कर लेता है
32:29लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
32:32वो अपने जिन्देगे के पेसले खुद करेगी
32:35अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
32:39एक कामे आप डाक्टर बनती है
32:41और कई साल बहाद जब दूनों दूबारा मिलते है
32:43तो वक्त के चुट चुकी होती है
32:46विवर्ज आखरे सीन में अरीबा उमेर के हाथ ताम कर कहती है
32:50वक्त हमें के तो कर सकता है
32:53मगर महबब को के दिन नहीं कर सकता
32:56महबबब को नहीं मार सकता
32:59आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
33:04और अरीबा अपने गर आती है
33:06और गर में अपने बाप के सामने कहती है
33:09कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ
33:11और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
33:14तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो अब एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
33:19तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी ईज़त है
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33:27और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
33:30इस ड्रामस से लिके हाले से अपने राय की जहार लाज़िवी के मैंने करें
33:34साथ में हमारे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
33:37तेंक्स बार वाचिंग अल्हाफेज
33:38ये एक दिल चोले निवली कहानी है
33:41अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दुसे के साथ बन जाते है
33:47अरीबा एक खुदार ताली में अबता और खौब देखने वाले लड़की है
33:52जो अपनी जिन्दगी में कुछ बढ़ा करना चाहती है
33:55दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है
33:57जिसने बच्पन ही में जिन्दग के तल्खिक का सामना किया है
34:01दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
34:04जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है
34:06और उमेर वहा वलन्टार की तोर पर काम करता है
34:10चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते
34:14रबता रबता एक गहरी अंसरे में तबदील हो जाती है
34:18उमेर अरीबा के होसले और खुलुस से मतासिर होता है
34:21जब के अरीबा उमेर के अं Dalot चूपे दर्द और सचायी को महसूस करती है
34:26लेकिन किसमत एक बार पर इमतिखान लेती है
34:29अरीबा के वालदीन ने इसका रिष्टा किसे अमिर खनादान में तेय कर दिया होता है
34:34जबकि अमिर का माज़िया और गुर्वत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
34:39अरीबा के वालद साब कह देते हैं
34:42हम अपनी बेटे क math चेती मामool यह लड़के के साथ नहीं बान सकते
34:46उमिर अज़ेत और गेरत के साथ अरीबा के जिन्दगी से दूर होने का पेसला कर लेता है
34:51लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
34:54वो अपने जिन्दगी के पेसले खुद करेगी
34:57अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
35:00एक कामे आप डाक्टर बनती है
35:02और कियी सार बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
35:05तो वक्त कैद छूट चुट चुकी होती है
35:07विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कैदी है
35:12वक्त हमें कैद तो कर सकता है
35:14मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
35:18महबत को नहीं मार सकता
35:21आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
35:26और अरीबा अपने गर आती है
35:28और गर में अपने बाप के सामने कहती है
35:30कि मैं उमेर से महबत करती हूँ
35:33और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
35:35तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
35:41तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
35:45इसके बात मानी जाती है
35:46तो इसके बाप राजी हो जाता है
35:48और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
35:52तो इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के में करें
35:55साथ में हमारे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूरिये
35:58तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
36:00ये एक दिल चोले नवाली कहानी है
36:03अरीबा और उमेर की दो अजने भी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
36:09अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लिलकी है
36:14जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
36:17दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तलख्यों का सामना किया है
36:23दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है
36:28और उमेर वहा वलेंटार की तोर पर काम करता है
36:31चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
36:39उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
36:48लेकिन किसमत एक बार पर अम्तिहान लेती है अरीबा के वालदेन ने इसका रिच्टा किसे अमेर खनदान में तेये कर दिया होता है
36:55जिबके अमेर का माज़िया और गूलूस इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
37:01अरीबा के वालिद साथ कहे देते हैं
37:03हम अपनी बेटे क्यों के ती
37:05मामूल ये लड़के के साथ नहीं बान सकते
37:07उमिर इज़त और गयरत के साथ
37:10अरीबा के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
37:12लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
37:15वो अपने जिन्दगी के पेसले खुद करेगी
37:18अरीब घर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
37:22एक कामयाब डाक्टर बनती है
37:24और कई साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
37:26तो वक्त के चुट चुकी होती है
37:29विवर्ज आखरे सीन में अरीबा उमेर के हाथ ताम कर कहती है
37:33वक्त हमें केद तो कर सकता है
37:36मगर महबत को के दिन नहीं कर सकता
37:39महबत को नहीं मार सकता
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37:47और अरीबा अपने गर आती है
37:49और गर में अपने बाप के सामने कहती है
37:52कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ
37:55और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
37:57तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो अब एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
38:03तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
38:06इसके बात मानी जाती है
38:08तिसके बाप राजी हो जाता है
38:10और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
38:13इस ड्रामा से लिके हाले से अपने राय की जहार लाज़ी के मिन करें
38:17साथ में हमरे यट्यूब का चीनल सब्सक्राइब करना मत बूरिये
38:20तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
38:21ये एक दिल चोले नेवली कहानी है
38:24अरीबा और उमेर की दो अजने भी
38:27जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसे के साथ बन जाते है
38:30अरीबा एक खुदार, तालीम अपता और खौब देखने वाले लिलकी है

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