हमें जीवन में कुछ न कुछ पाने की चाह होती है। और वही वस्तुएँ प्राप्त हो जाने पर कुछ नया प्राप्त करने की इच्छा होती है। ऐसे में जीवन में संतोष कैसे प्राप्त करें? क्योंकि जीवन में आगे बढ़ने की चाह से हम खुद से बेहतर व्यक्तियों से अपनी तुलना करके आगे बढ़ते हैं। ऐसे में असंतोष की भूख और बढ़ जाती है और जीवन फिर से दुःखमय लगने लगता है। ऐसा क्यों होता है? आइए जानें इस विडीयो में...