00:00अलवर शहर में स्थित आरती बालिका ग्रिह संस्था अपनों से बिच्छे लोगों को परिवार से मिलाने का काम कर रही है
00:16संस्था ने पिछले 10 सालों में 1000 से ज्यादा बालिकाओं को अपने परिवार से मिलवाया है
00:23परिवारों से मिल चुकी बालिकाएं भारत के विभिन ने प्रांतों की ही नहीं बलकि सरहत पार नेपाल की भी है
00:30इतना ही नहीं यह संस्था लावारिस मिली कई बालिकाओं को उच्छे सिक्षा दिलवा कर उनका भविश्य सवार रही है
00:37हम अजमेर से अलवर की और आ रहे थे उस समय अजमेर के जब चले थे तो एक हमारे पास इन बालिकाओं बैठा हुआ थी
00:46हम चार पांच जो टीचर स्टाप था वो बैठा हुआ था
00:49तो काफी दूर तक आगे लेकिन जैसे बीच में आये किसी ने पानी पी और किसी ने चाय पी या विश्कुर खाए लेकिन वो बच्छी जो थी गुमसुम थी
00:58हम अजमेर से और जैपरू तक आगे लेकिन बच्छी ने कोई हलचल नहीं कि ऐसी स्टीपी में वो देखा कि ये बालिका के साथ शैद कोई भूगर नहीं से बात करी तो उसको थोड़ा सा ऐसा विश्वास लगा गी अच्छे इंसान है
01:09तो हम यूपी से और अजमेर तक आएं अजमेर में किसी ने बोला कि आप दिली जाओ इस ट्रेन में बैढ़ जाना और दिली जाके वहाँ पर आपको लाल कपड़े वाले मिलेगे
01:22तो उनसे आप घर का पता पूछ रेना वो आपको सही जीकर पहुचा देंगे
01:26संस्था के संचालक चेतराम सैनी बताते हैं कि जब कोई बालिका उनके संस्था में आती है
01:52तो उसका पूरा डेटा खोया पाया पोर्टल पर चढ़ाया जाता है
01:56इससे अगर कहीं उसे कोई व्यक्ति ढून रहा है तो उन्हें उस बच्ची के बारे में पता चल सकेगा
02:01इसके बाद बच्चियों की काउंसलिंग की जाती है जिसे बच्चियां अपने घर के बारे में या घर से जुड़ी कुछ यादें बता सके
02:09जिसके तहट उनको उनके परिवार से मिलवाया जाता है
02:12In India, every state of the country, there is a mini India where there is a child in Nepal.