00:30लड़कियां पाँच घेंटे बजार में लूर-लूर फिरती रहेंगी न, उस दुकान पे जाब, वहाँ विंडो शोपिंग कर, ये जूती ट्राय कर, वो शर्ट ट्राय कर, वो मेंदी देख, वो चूडियां देख, तब इन्हें कुछ नहीं होगा, तब कोई टेंशन, कोई �
01:00बादल को बरसने से, विज़नी को चमचने से, कोई भी रोख न पाएगा, कोई भी रोख न पाएगा
01:20कोई भी रोख न पाएगा, कोई भी रोख न पाएगा
01:36आ कहीं दूर चले जाएं हम, दूर इतना कि हमें छो न सके कोई भम