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  • 5/8/2025
Transcript
00:00बागों में फिर जूले पड़ गए पक गएं मिठियां अम्बियां ये छोटी सी जिन्दगी तें राता लंबियां लंबियां ओखर आजा पर देशी
00:15पे तेरी मेरी दिप