00:00उत्रकंट के जंगलों में आग लगने की घटनाएं पर्यावरणी रूप से तो देखी जाती हैं, लेकिन इसका बड़ा असर जंगलों में रहने वाले वाइल लाइफ पर भी पढ़ता है.
00:26बड़ी बात यह है कि इतने सालों में अब तक इस पर कोई खास अध्ययन नहीं हुआ है, हलांकि विभाग यह मानता है कि जंगलों की आग वन्नीजियों के लिए फायर सीजन में बड़ी समस्या बनती है.
00:40लगबग 35,000 स्वेर किलोमेटर एरिया हमारा फॉरेस्ट है, उसका 15 परसेंट प्रोटेक्टेड एरिया है, 15 परसेंट, तो आपने जो अब यह आंकडे देखा है कि होर चार साल या तीन साल में वो फॉरेस्ट फायर का एक साइकल होता है, इसमें हमारा फॉरेस्ट का, जिस
01:10अगर फायर होता है उसमें सभी को प्रोब्लेम होता है कि नैसनल पार्क में बैक्ट्रिया से लेके हाथी तक सब का रहने का पूरी हगदार है, तो इसलिए अबर अपने बहुत गम्रीत के साथ लेते हैं, जैसे हमारा आउटसाइड अब दी प्रोटेक्टेड अरियास में क
01:40फायर सीजन शुरू होते ही वन विभाग प्रभावित वनों का आकड़ा जारी करता है और आग की घटनाओं का भी ब्योरा देता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इतने सालों में कभी जंगलों की आग के कारण वननी जीओं को होने वाले नुकसान का कोई आकलन सारोजिन
02:10प्रण में फॉरेस्ट फायर की 180 घटनाएं हो चुकी हैं, इस वनागनी से कुल 209 हेक्टेर वन शेत्र प्रभावित हुआ है, सनरक्षित वन्नी जीओं शेत्रों में भी बारह जगह आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 15 हेक्टेर से ज्यादा वन शेत्र प्र�
02:40इस शेत्र में काफी नुकसान झेलना पड़ा होगा, इटीवी भारत के लिए देहरादून से नवीन उन्याल की रिपोर्ट