00:00नारायंपूर जिले का अभूजमाण लगातार अपनी संस्कृतिक विरासत और यहां की जो आदिवासी संस्कृति है उसके लिए जाना जाता है और इसे संजोने और सहजने का कारे कहीं ने कहीं सरकार के द्वारा आरंब कर दिया गया है अभी हम मौजूद है नारायंपूर क
00:30एक थीम इस माध्यम से कहीं ना कहीं अभूजमाडिया जंजाती और यहां की नारायंपूर के आदिवासी जंजाती को प्रजेंट करने का प्रयास किया जा रहा है घोटूल बनाया गया है आप इदर देख सकते हैं कभी आदिवासी संस्कृति की पहचान रही इस घोटूल
01:00स्कृति प्रेमी होते हैं वो पस्वों के संरक्षण में विसेज ध्यान रखते हैं आपको हम दिखाना चाहेंगे जिस प्रकार से घोटूल के अन्य जो भाग है उनमें एक सगा कुर्मा करके एक बड़ा हॉल बनाया गया है जिसमें सगा का मतलब जो बाहर से आने वाले जो
01:30पर बैठ कर जो सगा है उनका जो महमान है उनका स्वागत किया जाता है उसके बाद दूसरा हम देखेंगे यहां पर उदना कुर्मा करके एक इस्थान बनाया गया है यह सभी गोंडी भाशा के सब्द है जिसमें लिखा गया उदना कुर्मा इसका मतलब होता है बैठने का �
02:00यहां पर एक आंगा लाया गया है यह आदिवासी संस्कृति में कहीं ना कहीं आदिवासी संस्कृति में विशेश रूप से पूज्जी होते हैं और इनका विशेश सम्मान हर जगा किया जाता है इसलिए इस्थान दिया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग यहां पर आए
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04:20४राइबર
04:50I don't know what I'm going to do I'm going to do it I'm going to do it I'm going to do it
05:03It is a very good way to make a good way.
05:07So the way the artist has become the artist's way of making a good way.
05:14And the artist's way of making a good way,
05:19he said that he has made a good way.
05:21Then I started making a good way,
05:23and he has made a good way to make a good way.