Step into a magical world where dreams come alive and anything is possible. Fairy tales are timeless stories filled with wonder, adventure, and heartwarming lessons. From enchanted forests and talking animals to brave heroes, clever heroines, and mysterious creatures, each tale carries a spark of magic that stirs the imagination and touches the heart. Whether it’s a story of courage, kindness, love, or transformation, fairy tales take us on journeys beyond the ordinary and remind us that magic lives in the most unexpected places.
00:00बहुत पुराने समय की बात है एक बहादुर और सुन्दर सिपाही एक लंबी लड़ाई के बाद अपने घर लोट रहा था
00:12वह बहुत खुश था कि वह जिन्दा बच गया है और अपने गाव लोट रहा है
00:18तलवार उसकी कमर पर लटक रही थी और वह गर्व से चलता जा रहा था
00:25तभी रास्ते में अचानक एक बूड़ी, डरावनी और बचसूरत डायन मिली
00:32सिपाही थोड़ा घबरा गया लेकिन डायन मुस्करा कर बोली
00:37अरे सिपाही, तुम्हारी तलवार और थैला बहुत शानदार है
00:43तुम सच्चे सिपाही लगते हो, क्या तुम दौलतमन बनना चाहते हो
00:49सिपाही थोड़ा हैरान हुआ, लेकिन उच्सुप भी
00:53डायन ने पास के एक पुराने पेड की ओर इशारा किया
00:58और बताया कि उसके नीचे एक गुप्त रास्ता है
01:02वहाँ नीचे एक कमरा है, जिसमें तीन दर्वाजे है
01:07और हर कमरे में धेर सारे चांदी और तांबे के सिक्के है
01:12लेकिन हर दर्वाजे के पास एक भयानक कुत्ता पहरा दे रहा है
01:17जिसकी आँखे चक्की के पहिये जितनी बड़ी है
01:21सिपाही थोड़ा डर गया
01:24पर डायन ने उसे एक जादूई कपड़ा दिया
01:27और कहा, इसे कुत्ते के पास डाल देना, वो शान्त हो जाएगा
01:33सिपाही ने पूछा, इसके बदले तुम्हें क्या चाहिए
01:38डायन ने जवाब दिया
01:40बस एक टिन का डिबबा
01:43पिछली बार जब मैं नीचे गई थी
01:45तो उसे वही भूल आई थी
01:47सिपाही ने हामी भरी
01:50डायन ने उसके कमर में रसी बांधी
01:54और उसे पेड के अंदर उतार दिया
01:57जैसे ही सिपाही नीचे पहुँचा
02:00उसने देखा कि चारो और लालटे ने जल रही थी
02:04और कमरा चमक रहा था
02:06उसने धीरे से दर्वाजे खोले
02:09जादूई कपडे की मदद से
02:12भयानक कुटों को शांत किया
02:14और सिकों से भरे संदूक देखे
02:17उसने सिक्के इकठा किये
02:21और साथ ही वह टिन का डिब्बा भी ढूंड लिया
02:25अब वह रसी खीच कर उपर आने का इशारा करने ही वाला था
02:30यहां से कहानी अगले भाग में जारी रह सकती है
02:35यह अंत में ट्विस्ट जोडा जा सकता है
02:40अली बाबा और चालीस चोर बहुत सालों पहले
02:44परशिया के एक शहर में एक गरीब लकड हारा रहता था
02:48जिसका नाम अली बाबा था
02:51उसका एक लालची बड़ा भाई कासिम था
02:55जिसने पिता की मृत्यू के बाद सारा कारो बार हड़प लिया था
03:00अली बाबा अपनी पतनी और बच्चों का पेट भरने के लिए
03:05जंगल से लकडियाओं काट कर बेचता था
03:08एक दिन जब अली बाबा जंगल में लकडियाओं काट रहा था
03:14उसने दूर से 40 घुडसवारों को आते देखा
03:18डर के मारे वह एक पेड के पीछे छिप गया
03:22घुडसवार एक बड़े टीले के पास रुके
03:26अली बाबा ने उनकी कमर पर तलवारे और खंजर देखे
03:31ये जरूर चोरों का गिरोह था
03:34उनमें से एक जो उनका सरदार लग रहा था
03:38टीले के पास गया और जोर से बोला
03:41खुल जा सिमसिम
03:43अली बाबा अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर सका
03:47तीले में एक गुप्त गुफा का दर्वाजा खुल गया
03:52सारे चोर अंदर चले गए और दर्वाजा अपने आप बंध हो गया
03:57थोड़ी देर बाद दर्वाजा फिर खुला
04:01और चोर खाली हाथ बाहर निकल आये
04:04उन्होंने जरूर सारा लूटा हुआ माल गुफा के अंदर छुपा दिया था
04:10चोरों के जाने के बाद अली बाबा खुद को रोक नहीं पाया
04:16वह तीले के सामने गया और चलाया
04:20खुल जा सिमसिम
04:22गुफा का दर्वाजा खुल गया
04:25अंदर सोने, चांदी, कीमती बर्तन, हीरे और जवाहरात के ढेर लगे हुए थे
04:32अली बाबा ने इतना ख़जाना कभी नहीं देखा था
04:37उसने कुछ सोने के सिक्के एक थैले में भरे और घर लौटाया
04:43घर पर उसने अपनी पत्नी को सोने के सिक्के दिखाए
04:47वह हैरान रह गई, अली बाबा ने उसे सारी कहानी बताई, उसकी पत्नी सिक्को को तोलना चाहती थी
04:57इसलिए वह कासिम की पत्नी से तराजू मांगने गई, कासिम की पत्नी चालाक थी
05:05उसने तराजू के नीचे मोम चिपका दिया
05:09When Ali Baba's wife was the one in her room,
05:12there was a
05:15This morning long.
05:18She was the one in her home.
05:21And the other day,
05:22she was the one in her home.
05:27She was the one in her house.
05:29She was the one in her house.
05:33She was the one in her house.
05:37। यहां तक की दर्वाजा खोलने का जादूई शब्द भी।
05:41अगली सुबभ, कासिम दस खचरों पर सोने के सिक्खे लाद कर गुफा में गया।
05:49उसने दर्वाजा खोला और अंदर घुस गया।
05:53उसने जितना हो सका, उतना सोना और जवाहरा तिक ठाकिया।
05:59लेकिन जब वह बाहर निकलने लगा, तो वह जादूई शब्द भूल गया, उसने बहुत कोशिश की, पर उसे याद नहीं आया, उसी समय चोर वापस आ गए, उन्होंने कासिम को गुफा के अंदर पाया, और उसे मार डाला, जब कासिम घर नहीं लोटा, तो उसकी पत्नी अ
06:29भाई की लाश देखकर दुखी हो गया, वह लाश को घर ले आया, कासिम की समझदार नौकरानी, मर गियाना, ने कासिम की मौत को रहस्य बनाए रखने में अली बाबा की मदद की, उसने एक हकीम को बुलाया, और ऐसा दिखाया, कि कासिम बीमार है, और फिर मर गया,
06:52कुछ दिनों बाद चोर गुफा में लोटे, और कासिम की लाश गायब देखकर हैरान रह गए, सरदार चोर ने खुद जाने का फैसला किया, उसने अली बाबा के घर को ध्यान से देखा, फिर उसने चालीस खाली तेल के पीपे खरीदे, उसने एक पीपे में तेल भरा, और
07:22पहुचा और रात बिताने की गुजारिश की, मरगी आना को उस पर शक हुआ, उसने तेल के पीपे की जाँच की और अंदर छिपे हुए चोरों को देखा, उसने चुप चाप तेल गरम किया और हर पीपे में डाल दिया, जिसे सारे चोर मारे गए, देर रात सरदार चोर अ
07:52अब अली बाबा ही गुफा के खजाने का राज़दार था और वह अपने परिवार के साथ खुशी से रहने लगा
08:00अलादीन और जादूई चिराग हुच समय पहले, अरब के एक शहर में अलादीन नाम का एक गरीब लड़का, अपनी मा के साथ रहता था
08:12वह दिनभर गली में खेलता और आवारा गर्दी करता, एक दिन एक जादूगर आया और खुद को उसका चाचा बताया
08:23मैं तुम्हें अमीर बना सकता हूँ, बस एक छोटा सा काम करना होगा
08:30जादूगर ने कहा, वह अलादीन को एक गहरी गुफा में ले गया, जहां एक जादूई चिराग रखा था
08:38जादूगर ने कहा, इस चिराग को मुझे दे दो
08:43लेकिन जब अलादीन ने चिराग देने से मना किया, तो जादूगर ने उसे गुफा में बंद कर दिया
08:51अलादीन डर गया और गलती से अपनी अंगूठी को घिस दिया
08:55अचानक एक जिन्न प्रकट हुआ और उसे घर पहुँचा दिया
09:01घर आकर उसने जादूई चिराग को साफ करने के लिए घिसा
09:06तो एक बड़ा जिन्न निकला और बोला
09:09क्या हुक्म है मेरे आका
09:12अलादीन ने जिन्न की मदद से एक भव्य महल और खूब सारा धन प्राप्त किया
09:19एक दिन उसने राजकुमारी बदर उल्भुदूर को देखा
09:24और उससे शादी करने का फैसला किया
09:27वह सुल्तान के पास गया
09:29और चिराग के जिन्न से मिले हीरे जवाहराद भेंट किये
09:34सुल्तान ने राजकुमारी से शादी की इजाज़त दे दी
09:38लेकिन जादुगर को पता चल गया
09:41कि चिराग अलादीन के पास है
09:44वह बूढ़े फकीर का रूप धारण करके महल गया
09:49और कहा
09:50पुराना चिराग दो नया ले लो
09:54राजकुमारी ने मासूमियत में चिराग दे दिया
09:59जादुगर ने चिराग को घिसा
10:02और जिन्न को आदेश दिया
10:04कि महल और राजकुमारी को दूर रेगिस्तान में ले जाओ
10:09जब सुल्तान को यह पता चला
10:12तो उसने अलादीन को बुलाया
10:15और चेतावनी दी
10:16अगर तीन दिनों में मेरी बेटी नहीं मिली
10:20तो तुम्हें मौत की सजा मिलेगी
10:23अलादीन ने अपनी अंगूठी को गिसा
10:26और जिन्न की मदद से रेगिस्तान में अपना महल खोज निकाला
10:30राजकुमारी ने चालाकी से जादूगर को जहरीला शर्बत पिला दिया
10:37और अलादीन ने चिराग वापस पा लिया
10:40अलादीन ने जिन्न को आदेश दिया
10:44हमें वापस अपने शहर ले चलो
10:46और कुछ ही पलों में महल अपनी जगह लोट आया
10:51सुल्तान बहुत खुश हुआ
10:53और उसने अलादीन को अपना उत्तर आधिकारी बना दिया