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  • 5/4/2025
Step into a magical world where dreams come alive and anything is possible. Fairy tales are timeless stories filled with wonder, adventure, and heartwarming lessons. From enchanted forests and talking animals to brave heroes, clever heroines, and mysterious creatures, each tale carries a spark of magic that stirs the imagination and touches the heart. Whether it’s a story of courage, kindness, love, or transformation, fairy tales take us on journeys beyond the ordinary and remind us that magic lives in the most unexpected places.

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Transcript
00:00जहरा एक खूबसूरत, नेक दिल, जिम्मादार और प्रूबस।
00:30जहरा एक खूबस।
01:00जहरा एक खूबसूरत, नेक खूबसूरत तरीका था।
01:10वो साथ हनिस्ते, बातें करते और एक दूसरे का खयाल रखते।
01:16जहरा एक खूबस।
01:26उनकी मा नूरा जूबड़ी में रहते, वो अपने बच्चों के लिए खाना बनाते, सफाई करते और जूबड़ी के पीछे एक छोटे से बागीचे में सबजियां अगाते।
01:36मगर कुछ उर्से से वो बीमार रहने लगी थी। उनकी दूआएं हर लमहा अपने बच्चों के साथ होते।
01:44शाम को जहरा और इमान लकडियां बीच कर घर वापस आते। और सब मिलकर खानों से लुट्फ अंदोज होते।
01:52जहरा अपनी माँ और भाई के साथ हंसी खुशी जिन्दगी बुसर कर रही थी।
02:00एक दिन जब सुभ की रोशनी बहुत मध्धम थी। जहरा ने अपने छोटे भाई अमान को बस्तर पर बेहाल देखा।
02:08वो बुखार में जल रहा था और उसका जिस्म सर्द था।
02:12जहरा ने फौरण उसकी हालत को महसूस किया।
02:15मा नूरा ने अमान की हालत देखकर फौरण उसकी नगहदाश्ट शुरू की।
02:20मगर जल्द ही वाज़ हो गया कि उसे दवा की जरूरत है।
02:24लेकिन उनके पास इतने पैसे न थे जिसकी वजह से जहरा अकीली लकडियां उकटी करने के लिए तन तनहा जंगल की तरफ निकल गई ताकि इने बाजार में बीच कर अमान के लिए दवावों का इंतिजाम कर सके।
02:38जंगल इस दिन कुछ अलग सा लग रहा था। ठंडी हवावों ने दरखतों को लरजा दिया था और फजा में एक इदासी सी घल्ली हुई थी।
03:08कहानियां छिपी हूँ। जहरा ने लमहा भर भी न सोचा। टौकरी में रखी हुई शाल निकाल कर जो उसकी माने उसे उड़ने के लिए दी थी इस बोड़ी औरत के गर्द लपेट दी। बोड़ी औरत मुस्कुराई और बोली तुम नेकी की सजा नहीं इनाम पाऊगी य
03:38जहरा की जिन्दगी का रख बदलने वाला था। वो क्या जानती थी कि इन लाल चपलों में जादू है और वो जादू बेरहम है।
03:47जबकि वो बोड़ी औरत कोई और नहीं बलकि एक बुरी जादूगर्नी थी जो मासूम लड़कियों को अपने जाल में फंसा कर उनकी ताकत और खूबसूर्ती छीन लेती थी। शाम को वो दवा लेकर घर आई।
04:05इमान की हालत बहतर होने लगी मगर जहरा ने इन लाल चपलों की बात मासे चिपा ली। उसने उन जोतों को अहतियाद से कमरे में रखा और दर्वाजा बंद कर लिया उसके दिल में अजीब सा खूफ बैठ गया था। इसी रात जब जहरा सुई हुई थी।
04:2512 बजे जहरा के पाउँ खुद बुखुद हरकत में आ गए। लाल चपले उसके पाउँ में आ गए। जैसे किसी उन देखे हाथ ने पहनाए हूँ।
04:3812 कमरे की दीवार पर एक दर्वाजा भरा जो चांदनी की चमक में जगमगा रहा था। दर्वाजे के पीछे से सफीद धंद निकली और जहरा इसमें चली गई।
04:49सामने एक जादूई बाग था। चांदी के दरख्त नीले चमकते हुए फूल और फजा में एक दिल को छो लेने वाली धंद की अचानक जहरा बेाख्तियार नाचने लगी। वो चाहकर भी खुद को रोक नहीं पा रही थी जैसे किसी ने उसकी रूख को गैद कर लिया हो�
05:19या हकीकत। इसका दिल तेज तेज धड़क रहा था और उसके दिमाग में बेशमार सवालात थे। जब जहरा ने नजर दोड़ाई तो उसने देखा कि जूते अपनी असल जगह पर पड़े थे। अगली रात जहरा इसी खौफ के साथ सूर न सकी। फिर जब बारा बजे �
05:49जैसी शब यहां जहरा के सामने अभरी। वही बोड़ी औरत मगर अब एक ड्रावनी जादूगरनी। उसका चेहरा अबानूस की तरह काला था। आँखों से सर्ख शौले निकल रहे थे। और आवाज अब किसी इनसान की न थी। तुम हर रात मेरी मर्जी से नाचती हो।
06:19जहरा के पाउं हरकत में आए और वो बे आख्तियार नाचने लगी। जहरा कामती आवाज में ये क्या हो रहा है मैं रक्यों नहीं पा रही। जादूगरनी। ये लाल चपलें तुम्हारी कैद हैं तुम्हें आजाद होने नहीं देंगी। वो सारी रात नाचती रही और �
06:49इतनी ही कमजूर होती जाती उसकी सांसें तेज हो गई आखों में थिकन उतर आई मगर धीमी मगर पुरसरार धन मुसलसल बज़ती रही। अगली सुभ जहरा बस्तर पर बेहाल थी। नूरा ने जब जहरा को दिन भर सुस्त और ठका हुआ देखा उसके गंदे पाउं और �
07:19लाई थी रात को। उम्मा ने फिकरमंदी से पूछा जिस पर जहरा ने रूते हुए लाल जूतों की सारी हकीकत मा नूरा को बता दी। उसकी मा का दिल दहल गया। वो जान गई थी कि ये मामला आम नहीं बलकि किसी गहरी और खतरनाक जादूगरी का नतीजा है। नूरा �
07:49वही लाल जोते जहरा के कमरे के बीचों बीच रखे हुए थे। जैसे किसी ने उन्हें वापस लाकर रखा हो। जहरा लरुस्ते लब्बों से बोली। मैं चाह कर भी इनसे जान नहीं चड़ा पा रही। ये जैसे मेरी जान से लपट गए है। ऐसा कई रातों तक होता रह
08:19का रक्स महसूस करता मगर जब भी वो जाता वो लड़की गाइब हो जाती। शहजादे ने हकीकत जानने का फैसला किया कि आखिर वो लड़की है कौन। एक रात शहजादा शहरियार ने बाग में शहद और गुलाब के इरक का आमीजा बखेर दिया। सुबह को गाउं की ह
08:49जंगल के कुनारे जूंपडी में रहती है इसका नाम जहरा है। जब शहजादे को एक महाफिस के जरीए जहरा का मालूम हुआ तो वो जंगल में इस जूंपडी में गया नूरान ने शहजादे को खुशी से अपने घर में खुश आमदीद कहा। लेकिन जहरा उस वक्त न
09:19लड़की रात भर रक्स कैसे कर सकती है। शहजादा शहरियार ने मा नूरा से हकीकत का पूछा तो उसने लाल जोतों की सारी कहानी शहजादे को सुना डाली और इन से इल्तमास की कि वो उनकी लड़की को जादूगर्नी के जाल से बचाए। शहजादे ने वादा किया ज�
09:49पहने बाग में आई और रक्स करने लगी वहां शहजादा पहले से ही मौजूद था उसने वो मनत्र पढ़ना शुरू किया जिसे सुनकर लाल जोते जहरा के पाउं से उत्रे और फिर जलकर राख बन गए इजादुगर्नी आजमा चीखते हुए नमूदार हुई जहरा मेरी ह
10:19आजमा की चमकती आँखें बजने लगे और फिर वो एक धुएं के तौफान में तब्दील होकर जीखती हुई जंगल में जागरी जहरा की आँखें खुल गई रोशनी उसके चेहरे पर वापस आगई शहजादा उसके सामने घटने टेक कर बोला
10:35जहरा तुमने अपनी नेकी से ना सिर्फ खुद को बल्कि सब को बचाया है मेरी सल्तनत तुम जैसे दिल की रोशनी की मिहताज है क्या तुम मेरी शहजादी बनोगी जिस पर जहरा ने खुशी से सर हिलाया यूँ जहरा अब एक शहजादी बन गई एक ऐसी शहजादी जिस