00:00वहाँ पर कोई militant मारा जाता था कश्मीर में, तो ये हजारों की संख्या में वहाँ इकठे हो जाते थे उनके जनाजों में, तो खुदी समझ सकते हो कि ये आतंगवादियों के कितने बड़े सपोर्टर हैं, और हम तो जो कहते तो वह कोई सुनता नहीं था, लेकिन अब सुन
00:30करे हैं कि भाई, बहुत गल्थ हुआ, ऐसा हुआ, ऐसा हुआ, ऐसा हुआ, ऐसा हुआ, तो कही नहीं सिर्फ अपने, कॉप को, पैसे को, टूरिसम को अगर चोट लगी की ना, तो ही समझ आएगा, बिना ये कुछ मिले, ऐसा हो नहीं सकता था, जितना मुझों लगता है, क्