“A Lesson in Faith: The Story of Ahmed and the Miraculous Bird” “Ahmed’s Path to Humility and Trust in Allah”
Short Description : This is a heartwarming Islamic moral story about a kind boy named Ahmed who discovers a miraculous bird. Through his journey, children learn about trust in Allah, humility, and the value of inner goodness.
00:00बच्चो आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो ना सिर्फ हैरत अंगेज है बलके इमान, सब्र और अल्ला पर तवक्कल की भी एक शांदार मिसाल है।
00:12वक्फाह ये कहानी है एक नेक दिल बजर्ग, हजरत नुमान और उनके बेटे की कहानी का आगास हजरत नुमान एक बहुत ही नेक, परहिजगार और अल्ला वाले बजर्ग थे। वो अपने रप से बहुत महबत करते थे और हमेशा दुआ में मसरूफ रहते। उनका बेटा न
00:42वो अपने करीब बुलाया और फर्माया बेटा, अल्ला पर तवक्कल करो और एक सफर पर रवाना हो जा। तुम्हें एक खास अमानत मिलने वाली है, जो तुम्हारी किसमत बदल देगी, ने फौरण सर जुकाया, और कहा, अबबा जान, जैसा आपका हुक्म। सफर की मुस
01:12कभी प्यास, कभी तनहाइक, नगर हर बार वो कहता, अल्ला मेरे साथ है, वही मेरे लिए काफी है, एक दिन वो एक झेल के किनारे पहुँचा, सूरज गरूब हो रहा था और आस्मान सुनहरी रंग में रंगा हुआ था, अचानक इसकी नजर एक खूबसूरत सफेद परिं
01:42कपड़े से इसे साफ किया, प्रिंदे ने आंखें बंद की और सुकून से सौ गया, खामोशी स्लेश नर्म धन के रात को जब सौ रहा था, एक अजीब सी रोशनी इसके इर्दगिर्द फैल गई, जब वो जागा, तो क्या देखता है, वही प्रिंदा अब एक नहायत खू
02:12आम प्रिंदा नहीं हूँ, मुझे अल्ला ने तुम्हारे लिए भेजा है, हैरान हो गया, पर डरा नहीं, क्या तुम मेरे साथ निका करोगी, ने आजिजी से पूछा, लड़की ने मुस्करा कर कहा, हाँ, मगर एक शर्त है, तुम कभी भी मेरे माजी के बारे में सवाल नह
02:42ये लड़की नहायत अकल मंद, नेक और पाकिजा सिफात वाली थी, वो जो खाना पकाती, शिफा बन जाता, जिस घर में कदम रखती, खुशी आ जाती, लोग हैरान होते, मगर कभी सवाल ना करता, एक दिन, गाउं के चंद हसद करने वाले लोगों ने को अलिफाक साया, �
03:12अपनी बीवी से पूछ ही लिया, क्या तुम सच में इनसान हो, ये सुनते ही इसकी बीवी का चहरा उदास हो गया, उसने कहा, मैंने तुम्हें मना किया था, मगर तुमने वदा तोड़ दिया, और फिर, एक सफेद रोशनी में वो दोबारा परिंदा बन गए, और अलिफा
03:42खजरत नुमान ने कहा, बेटा, अल्ला की अमानतों का राज कभी कभी न जानना ही बेहतर होता है, मैं तूबा की, और सारी जिन्दगी अल्ला की रजा में गुजार दी
03:52आखरी मुसिकी सलेश सबक आमोज अख्तिताम, तो बच्चो, इस कहानी से हमें क्या सबक मिलता है, एक, जो अल्ला पर भरोसा करता है, अल्ला इसके लिए गैब से मदद भेजता है, दो, सबर और हसन अखलाक सबसे बड़ी ताकते हैं, तीन, वादे की पाबंदी इमान की �
04:22मुशी में ही खेर होती है, खत्म करने की नर्म आवाज, अगर आपको ये कहानी पसंद आई, तो उसे जरूर दूसरों को सुनाएं ताका सब इससे सबक सीख सकें,