Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 5/1/2025
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर भी मजदूरों को काम की तलाश में भटकना पड़ा. उनका कहना है परिवरा के लिए सबकुछ करना पड़ता है.

Category

🗞
News
Transcript
00:00एक और जहां पूरे देश में मैजदूर दिवस के अवसर पर सर्मीकों के समान में भासन रैलियां चूटियां दी जा रही है
00:09वहीं दूसरी और कोडर्मा के जुम्रित लिए सहर के मैजदूर मंडी में रोज की तरह आज भी मैजदूर सुबह सुबह अपने आजार और उमीदे लेकर खड़े नजर आए
00:20इनके लिए कैसा मैजदूर दिवस और काहे का समान
00:25आज अंतराष्टिय मैजदूर दिवस है आज जहां मैजदूरों को समान देने और उनके समाजिक अस्तर में सुधार की चर्चा हो रही है
00:35लेकिन इससे उलट तस्वीर आज कोडर्मा के जुम्रित लिया के सर्मिक चोग पर नजर आ रही है
00:42जहां दिहारी मैजदूर हाथों में औजार और आखों में उम्मीद लिये इस चोग पर खड़े हैं ताकि उन्हें आज रोजगार और मैजदूरी मिल सके ताकि यह अपने और अपने परिवार का पेट भर सके
00:56क्या करते हैं?
01:26कि यहारी मैजदूरी है?
01:56कि यहार के पहाडपूर, रजावली, टनकुपपा, गिरिडी के सर्या पारशनाच से आने वाले मैजदूरों के साथ अस्थानिय मैजदूरों का जुम्रित लिये के इस सर्मिक चोग पर जमवाणा लगता रहता है
02:18मैजदूरों का साथ कहना है कि अगर आज के दिन वे मैजदूर दिवस मनाएंगे तो वे और उनका परिवार क्या खाएगा?
02:27प्षिया करने के लिए पूछ भी नहीं करने के लिए आता है
02:47पूछ भी नहीं करने के लिए आता है
02:51foreign
02:59foreign
03:05foreign
03:11foreign
03:13is
03:36what
03:41The people who can get the work, can't get the work, or don't get the work.
03:45The people who can get the work, can't get the work.
03:52So, today, we ask the government to make these people's rights.
03:57The people who can get the work, can't get the work.
04:03Where do the government get the work?
04:08...
04:21...
04:26વે ઘર સે મજદૂરી કી ઉમિદ ને યાાં આતે તો જરૂર હે લેકી યાં કિસે મજદૂરી મિલેગી યા ઇને ખાલી હ

Recommended