00:16इस बात को पूरी तरह चरितार्द कर रहे हैं दिल्ली की शालिमार गार्डन में रहने वाले बैभव।
00:2225 वर्षिय बैभव गौतम जो 90% तक दिव्यान हैं, बैभव ना बोल सकते हैं और न चल सकते हैं।
00:27वो हमेशा वीरचेर पर रहते हैं।
00:30उनका एक हाँ सिर्फ थोड़ा काम करता है।
00:32लेकिन इसी एक हाँ से बैभव ने शत्रंज की दुनिया में पर्चम फेराया है।
00:37जिसने उन्हीं सितारा बना दिया है।
00:39आज हमारे साथ बैभव गौतम जी हैं, जो दिब्यांग हैं, बोल नहीं सकते, चल नहीं सकते, बमुश्किल उनका एक हाँ काम करता है।
00:47और उस हाथ की बदोलत वो शय और मात का गेम सत्रंज खेलते हैं।
01:17पर कुछ ही समय में बैभव की सोच और चाले इतनी सटीक हो गई कि पिता के लिए जीतना मुश्किल हो गया।
01:25बैभव इस्टम 25 इसका है और इसको जैसे उतने घर में कि अपना फ्रेंडली खेलना, हम लोग आपस में खेलते थे, खेलते खेलते ही अब इसका टेलेंट उसमें नहीं आने लगा।
01:39क्योंकि पहले मैं इसको जानके इससे हरता था, कि इसको इंट्रेस्ट आए, कि पापा ही जीते जा रहे है, बाद मैं धीरे-धीरे इसने ऐसा पकड़ा कि मैं जानके जीतना भी चाता था तो नहीं जीत पाता था, फिर इसने मेरे को continuous हराना चालो कर दिया, तो मुझे लगा
02:09और अंतराश्य सतरंज टूर्णमेंट्स में हिस्सा लिया है, और अपना लोहा मनवाया है, उन्होंने इंटरनाश्यल जीम टूर्णमेंट में भाग लेकर अच्छी रेटिंग हांसिल की, जो समानिक खिलाडियों को सालों के मेहनत के बाद मिलती है, इसने स्कूल लेवल प
02:39और अच्छा करनाएं, तो मैं इससे खहता है, तु सही तो कर रहा है, तु सही तो फर्स्स आया, श्कूल में और ख्याच है, यहिए थे नहीं कहा है, तो इसने अपने टैप पे ऑन-लाइन सर्च करके, चेस कोच भूने हैं, उनसे वाट्स अप बात करें कि इसकी स्पीच न
03:09I am playing with a child. If there is talent, then they start coaching.
03:14When they came and played, they were very impressed,
03:17that they didn't play a lot without coaching.
03:20So they started coaching, and from there,
03:24they were told that they had tournaments and had a great level.