00:02नहीं, मैं क्यों बताऊँ, ये तो सीक्रिट है, ये तो आपको शाम को ही पता चलेगा।
00:08आप अप जाएं और गुडिया को राखी ले दें।
00:11पापा, मैं भी आपके साथ जाऊंगी, अपने भाई के लिए राखी मैं अपनी पसंद से लूँगी।
00:16मगर मुझे रास्ते में तंग नहीं करना।
00:19फिर पापा चडिया अपनी बेटी गुडिया को साथ लेकर घर से निकलता है।
00:23गुडिया बहुत खुशी खुशी अपने पापा के साथ जा रही थी, क्योंकि आज के दिन का वो केई दिनों से इंतजार कर रही थी।
00:30वो अपने भाई कुकु से बहुत प्यार करती थी।
00:33गुडिया और उसका पापा मिठु की दुकान पर पहुँँ जाते हैं।
00:37पापा वो सामने वाली राखी ले दे मुझे, ये मुझे अच्छी लगी है।
00:42मिठु दो भी मेरी गुडिया को वो वाली राखी।
00:45मिठु राखी उदाय कर दे देता है।
00:47आप दूसरे रास्ते से जाना, इस रास्ते की तरफ अभी अभी मैंने शिकारी को जाते हुए देखा है।
00:53नहीं पापा, मुझे जल्दी खड़ जाना है, दूसरे रास्ते से देर हो जाएगी।
00:58गुडिया के पापा भी मिठु की बात पर ज्यादा दिहान नहीं देते, वो दोनों उसी रास्ते पर उड़ते हैं जिससे मिठु ने उन्हें जाने से मना किया था।
01:07गुडिया ने अभी इतना कहा ही था, कि एक तीर ना जाने किस दिशा से आता है, और आकर गुडिया का सीना चीर देता है, गुडिया गिर जाती है।
01:20गुडिया मेरी बेटी, उठो, उठो गुडिया, मगर गुडिया मर चुकी थी, शिकारी के कदमों की आवाज सुनकर पापा चड़िया गुडिया के हाथ से वो राखी उठा कर भागता है, मेरी गुडिया कहा है, आप बोले ना आप छुप क्यों है, कहा है मेरी गुडिया
01:50मेरी गुडिया को, ठीक तो है मेरी गुडिया, गुडिया को मार दिया, उस सालिम शिकारी ने हमारी गुडिया को तीर मार कर मार दिया, मैं बेबस था, मैं बचा ना सका अपनी छोटी सी मासूम बेटी को, ये सुनकर ममा चुडिया को ये सब एक ड्रौवना सपना लग रहा �
02:20अगर कुकु गुडिया का पूछे तो मैं क्या बताऊंगा आप कहना हमारे गुडिया कहीं खो गई है मैं कुकु को खोना नहीं चाहती गुडिया तो अब कभी लौड कराएगी नहीं कुकु भी खरा जाता है
02:47पापा आपने गुडिया को बताया तो नहीं के मैं उसे क्या गिफ्ट देने वाला हूँ
02:53पापा चुप था
02:54मुझे पता है आपने गुडिया बेहन को सब बता दिया होगा गुडिया है कहां कहीं चुपकी होगी मुझे देखकर
03:01गुडिया गुडिया कहा हो मेरी बहन आप कहा हो
03:05गुडिया खो गी है आपकी बहन बाजार में कहीं खो गी है
03:09मॉमा ऐसा मजाक ना करें
03:12हाँ बेटा मैं राकी की दुकान पर था के गुडिया कहीं खो गई
03:16बहुत कोशिश की, मगर गुडिया मुझे कहीं भी नहीं मिली
03:20गुडिया मेरी बेहन, आप कहां चली गई है, आज मेरे राकी कौन बांदेगा
03:26मैं अभी, मैं अभी ठूट का लाता हूं गुडिया को
03:30कुकु घर से बाहित भागता है
03:32इसे रोके कुकु की ममा
03:34नहीं, उसे जाने दे, थोड़ी देर बाद वापीस आ जाएगा मेरा बेटा
03:38गुडिया, गुडिया, मेरी बेहन गुडिया, आप कहां हो
03:43कुकु घरने जंगल में जाता है, कुकु पहाडों पर जाता है
03:47कुकु अपनी बेहन को ढूनने जहने पर जाता है
03:51गुडिया मेरी बेहन आ जाओ आप क्यों पापा के साथ गई फुलीज मेरी बेहन लोटाओ मैं मर जाओंगा आपके बिना
04:00कुकु आगे भड़ता है
04:02अंकल मिठू मेरी बेहन गुडिया नहीं मिल रही पापा और गुडिया आपकी दुकान पर हीरा खिलेने आए थे ना
04:09मैंने मना किया था आपके पापा को कि इस रास्ते से ना जाए
04:13मगर गुडिया ने जिद्गी जल्दी खर जाने की
04:16नहीं मिठू अंकल गुडिया तो कहीं खो गई है
04:19आपकी बहन गुडिया को शिकारी ने मार दिया
04:22वो तो उसी समय मर गई थी जब शिकारी ने पहला तीर मारा
04:26नहीं मिठू अंकल सच बताएं पलेज मुझे सच बताएं
04:30फिर ममा पापा ने मुझे ऐसे क्यों कहा के गुडिया खो गई है
04:34आप छूटे हैं आप छूटे हैं
04:36कुकु वहाँ से भाग जाता है
04:38कुकु रोता हुआ वहाँ से भी चला जाता है
05:08अब रात हो गई थी, चांद रोशन था, कुकु चांद नी रात में अपनी बहन को पूरे जंगल में ढून रहा था
05:16गुडिया, गुडिया कहा हो, कहा हो मेरी बहना, गुडिया
05:20कुकू की ममा इसे बता दें, इसे हकीकत बता दें, देखो कैसे पागलों की तरहां वो अपनी बेहन को ढूंड रहा है
05:28मुझे में इतना होसला नहीं है, कुकू के पापा, मेरा कुकू सत जान कर मर जाएगा
05:35मुझे बता है, वो अपनी बेहन से बहुत प्यार करता है
05:39ठक हार कर कुकु पहाडों के पास एक विराने में सुके हुए पेड़ पर जाकर बैठ जाता है और रोने लग जाता है
05:47आज कितना कितना अच्छा दिन था और कितना बुरा हो गया काश आज का दिन ना होता
05:54शायद गुड़िया किसी दूसरे जंगल में चली गई हो या फिर कोई बुरा पक्षी ना ले गया हो मेरी बेहन को
06:01आसमान से एक रोशनी कुकु की तरफ भड़ती है वो तेज रोशनी थी
06:06भाई कुकु भाई अपना पंक मेरी जरफ करे दे
06:11गुड़िया गुड़िया बेहन आप कहा चली गई थी सब रो रहे हैं देखो मैं भी आपकी वज़ा से रो रहा हूँ
06:18भाई पापा को होसला दे नमा को भी और अपना पंक मेरी तरफ करे
06:24गुड़िया की आत्मा अपने भाई के राखी बांदती है
06:28मैं आपके साथ नहीं चाह सकती मिठू अंगल और गोरी आटी ने आपको सच बढ़ाया है
06:35मगर मेरा वादा रहा मैं हर बार रक्षा बंदन पर अपने भाई को राखी बातनाया करूंगी
06:42गुड़िया बेहन मेरी प्यारी बेहन
06:45मगर वो रोशनी फिर से वापिस चांद की दरफ जाते हुए गाइब हो जाती है
06:50ठक हार कर कुकु पहाडों के पास एक विराने में सूखे हुए पेड़ पर जाकर बैठ जाता है
06:56और रोने लग जाता है
06:58आज कितना अच्छा दिन था और कितना बुरा हो गया
07:03काश आज का दिन ना होता
07:05शायद गुडिया किसी दूसरे जंगल में चली गई हो
07:09या फिर कोई बुरा पक्षी ना ले गया हो मेरी बेहन को
07:12आसमान से एक रोशनी कुकु की तरफ भड़ती है
07:16वो तेज रोशनी थी
07:17भाई कुकु भाई अपना पंक मेरी दरफ करे
07:22गुडिया गुडिया बेहन आप कहां चली गई थी
07:25सब रो रहे हैं
07:27देखो मैं भी आपकी वज़ा से रो रहा हूं
07:30भाई पापा को होसला दे दे ममा को भी
07:33और अपना पंक मेरी दरफ करे
07:36गुड़िया की आत्मा अपने भाई के राखी बांदती है
07:39मैं आपके साथ नहीं चासथ थी
07:42मिठू अंकल और गोरी अंटी ने आपको सच बताया है
07:46मगर मेरा वादर हाफ में हर पार रक्षा बस्तन पर
07:50अपने भाई को राखी बांदताया करूंगी
07:53गुड़िया बेहन मेरी प्यारी बेहन
07:56मगर वो रोशनी फिर से वापिस चांद की दरफ जाते हुए गाईब हो जाती है
08:01रोता हुआ कुकु अपने ख़र चला जाता है
08:04कुकु बेटा कुछ पता चला गुड़िया का
08:07हाँ ममा मुझे सब पता चल गया
08:10गुड़िया ने ही मेरे पांख पर राखी बांदी है
08:13और अगली बार रक्षा बंदन पर आने का वादा भी किया है
08:17मगर मगर मैं अब कभी भी अपनी प्यारी बेहन से लड़ाई नहीं कर सकूँगा
08:23मैं बात भी नहीं कर सकूँगा अपनी बेहन से
08:27कुकु की रोते रोते हिचकी बन जाती है और वो सो जाता है