আড়কাটিয়া ব্রিজের নিচে অর্ধমৃত নদীর মনোরম সুন্দর জীবন। স্বচ্ছ পানিতে সাঁতরাচ্ছে হাঁস। শিশুরা করছে গোসল। জাল ফেলে ধরা হচ্ছে দেশীয় নানা মাছ। ধোয়া হচ্ছে গবাদি পশুর ঘাস। নির্মল শান্ত নিরিবিলি জীবন। স্থান: আড়কাটিয়া ব্রীজ ও নদী, আড়কাটিয়া বাজারের পিছনে ইউনিয়ন: কালেরপাড়া উপজেলা: ধুনট জেলা: বগুড়া
Arkatia is a village of Kalerpara union. A river flows beside it. There is a bridge over the river. Under the bridge the river life is beautiful, serene, calm.
00:59एखाने आप नोदी जिवन देखते पाथचेन मानोश घास केटे
01:03एक्टा लोग घास केटे घास मने धुये गवधि पोशुर जन्न निये जाथचे आर एज एखाने एक्टा आमनोश राज हास दिखते बादछे एज राज हास
01:13राजास गुलो पानी तो चोड़ छीलो यहाखन सेखान थेके खास खाच्छे राजासेर प्रियो खाबार होचे घास पाता अर्था शे पाता खुब खाई राजास पाता ठुकरे ठुकरे कोची-गोची पाता एगुलो खाबा पसंद करे त्यों आम राद दुई याक्टा छ
01:43अपुर्वो शुन्दर जो रूप लाबन्नौ प्रकृति ते आशले मानुषेर मने प्रशांतिर स्रिष्टी है मानुषेर मन अनेक्टाई शांत है जाए येवं भालो लागे प्रकृतिर छुआपे ते मानुष अनेक दूर दूरांते छुटे जाए किन्तु बारीर पासे
02:13अनेक्टा छोटो छेलेगे देखाजाच्छे शे जाल उठाच्छे अर्था तो जाल्टा के बोले सम्भवतो चायना जाल शेही जाल्टा एई पानी ते राखा होये छे जाल्टा चेक कोल्लो जे मास उठेशे किन्या आए जेखाना में राजाश देखते बाद छे राजा�
02:58एखनकर पानी अत्तन तो सच्छ अर्थात नीचे जे मास चला फेरा कोड़ छे पोना मास शटो-शटो मास शेगुलो पोर्जुन तो जोके पोड़ छे अत्तन तो सच्छ बानी
03:13एजे राज हाशर बात्चा गुलो घास खाच्छे देखन की भबे ठुक्रे ठुक्रे घास खाच्छे
03:20एखने एकदम शांत पोरिवेश एखने हाशर डाक गुरू छाहले रावास भृजर उपुर देव चोले जावा गारीर शब्दो भेरार डाक पानीर भीतोरे बाच्चादेर गोशले शब्दो और था प्रक्रितीर जे बिभिन्नों साउंड शे शब्किसे एखने काने आश
03:50जाल टीके बॉलेश हमर्व तो चायना जाल एखने इन्नो दीते पूटी मास छोटोटाई पेट देशी मास पवादाए छे लेटी मास पुरिख्ख्या कोड़चे जे कुनों मास आशे की नार ओई शामनेक तूठाव तो देख्या आशे नेके मास है कुनों मास याकुनों �
04:20दूपुरे की की मास पवादाए पानो चेक तो बागर दिख्या एटा चेक दो मारकाटिया ब्रीजेर नीचे नीचे अबस्ता अर्था नीचे के ब्रीज अनेकुंचु ते पानी थाकार कथा छिलो एपूरोटु पानी ते पलावी दहर कथा छिलो गिन्तो याकुन पानी �
04:50जला शहर अभाब जामन ब्रिष्टी रभाब जलो बड़ी बड़तों ठीक्षेर अलपमी एज ब्रिष्टा नीच थेगे एरखों एक तो शूपिये गासे नीचे रे एखाने चाल छिलो शिप जाल किन्तो जाल एखोनार नाई लागा नहानी एवां बाच्चारा एखने ग