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  • 4/22/2025
छत्तीसगढ़ का नाम अपने 36 गढ़ों के नाम पर बना था.जो शिवनाथ नदी के दोनों किनारों पर बसे थे.

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00:00प्राचीन समय में च्छतीजगड को दक्षिन कौशल के नाम से जाना जाता था
00:21भगवान राम के ननिहाल से लेकर कल्चुरी वन्ष के शाशन तक च्छतीजगड की धर्ती में अनेक गाथाई लिखी गई
00:29इतिहास के पन्नों को पल्टे तो पता चलता है कि
00:33चौथी शताबदी इस्वी में राजा समुद्र गुप्त ने इस शेत्र पर कबजा किया था
00:38इसके बाद पाँचवी छटी शताबदी इस्वी तक यह सरब पुरी राजवन्ष के शाशन के अधीन रहा
00:45सरब पुरी के बाद 36 गड़ में कए अन्ने राजवन्ष जैसे राजश्री तुल्य, पांडु वन्ष, नल एवं छिंदक नागवन्ष, फणी नागवन्ष, सोम वन्ष और कल्चुरी वन्ष का शाशन रहा है
01:00कल्चुरी काल में आठवी शताब्दी से लेकर अठारवी शताब्दी के बीच तक इस शेत्र में 36 गड़ थे, जिसके अनुसार ही इस शेत्र का नाम 36 गड़ पढ़ा
01:11जिसमें रायपूर और रतनपूर राज्य के अलग-अलग गड़ थे, ये गड़ शिवनात नदी के दोनों और स्थापित किये गए थे
01:19इन 36 गड़ों में कुल 5722 गाओं, जिसमें रतनपूर राज्य में 3586 और रायपूर में 2136 गाओं थे
01:32जिनमें रतनपूर, मारो, विजयपूर, जिसमें रतनपूर राज्य में 18 गड़ थे
01:59जिनमें रतनपूर, मारो, विजयपूर, खरोद, कोटगड, नवागड, सोठी, ओखर, पंडरभटा, सिमरिया, मदनपूर, चापा जमीनदारी, कोजगई, लाफा, केंदा, भातिन, उपरोडा, केंडरी, करकट्टी आते थे
02:17वहें शिवनात नदी के दक्षिन में रायपूर के 18 गड़ों में रायपूर, मारोगड, खरोदगड, कोटगड, कोशईगड, लाफागड, केंदागड, कनिरगड, करकट्टीगड, मदनपूरगड, पाटनगड, सिमगागड, दुर्गड, खलारीगड, सिरपूरगड, �
02:47Rameindranath Mishra ne bataya ki prashashnik mukhyale ki dhrişti se garao ka nirmaad hua tha.
02:53Gara ka malik gara pati kehlata tha.
02:56Lekin baad me naam badalne se yaha zamindar ho gaya.
03:17Gara ka malik garao ka nirmaad hua tha.
03:47Gara ka malik garao ka nirmaad hua tha.
04:171497 mei pehli baar 36 garao ka prayog khaira garao ka kuvi dalram rao na kiya.
04:24Iska zikr bhopal ke professor hira lal shukla ki kitaab mei bhi milta hai.
04:29Dalram rao nae apni kavita mei likha tha.
04:31Lakshmi nidhi raha say nothing.
04:35इसके बाद रतनपूर के कवी गोपाल मिश्र ने खूप तमाश 1686 में लिखी इसमें भी 36 गड़ नाम का जिक्र हुआ
05:01उन्होंने लिखा था 36 गड़ गाड़े जहां बड़े गड़ोई जान सेवा स्वामिन को रहे सके एड को मान
05:10आज 36 गड़ विकास की पट्री पर दौड रहा है जिसमें इसके गड़ों का भी बड़ा योगदान है
05:17लेकिन ये प्रदेश अपने एतिहासिक धरोहरों को बचाने में नाकाम रहा है
05:22अब ये गड़ सिर्फ किताबों और सरकारी दस्तावेजों में ही है
05:26हकीकत में गड़ों का अस्तित्व खत्म हो चुका है
05:30बड़ती आबादी ने गड़ों की पहचान मिटा दी है
05:33अतिक्रमन और विकास के पैरो तले ये गड़ रौन्द दिये गए है
05:38गड़ों के आसपास अतिक्रमन करके इमारते तान दी गई है
05:42रही सही कसर कबजा धारियों ने पूरी कर दी है
05:46आजकर क्या है कि गड़ या किला जहां पर भिया चत्ति गड़ में महल
05:50इन सब के आसपास में अवध या प्रदबस्तियों के निमान होते गया है
05:55ति इनका स्तित मिटते जा रहा है
05:57अगर इनको हम नहीं बचाये ति इतिहास के प्रिष्ट पर लुप्त हो जाएंगे
06:16आज पुरादन गड़ों के सिर्फ कुछ चिन ही हमें देखने को मिलते है
06:20यदि अब भी सोर ध्यान ना दिया गया तो कुछ साल बाद ये चिन भी समय की गहराई में खो जाएंगे
06:27आज जरूरत है 36 गड़ के गौरपूर्ण इतिहास की निशानियों को बचाने की
06:32भले ही 36 गड़ ना बचे हो लेकिन जो है वो खुद के वजूत को जिन्दा रखने की गुहार लगा रहे है
06:40रितेश तंबोली, ETV भारत, राइपूर

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