US-China Trade: अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वॉर ने भारत के Toy Sector के लिए एक सुनहरा मौका बना दिया है। जहां चीन पर भारी टैरिफ लगाया जा रहा है , वहीं भारतीय खिलौना कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार (US Toy Market) में अपनी पकड़ मजबूत करने का समय आ गया है।
00:00एक ओर जहां अमेरिका और चीन में ट्रेड वार छिड़ी है, दोनों देश एक दूसरे के इंपोर्ट पर तगड़ा टेरिफ लगाते जा रहे हैं, ऐसे में भारत के टॉइ सेक्टर के लिए एक सुनहरा मौका है।
00:30तो चलिए इस वीडियो में आपको पूरे प्लान के बारे में डिटेल में बताते हैं और ये भी बताते हैं कि यूएस और चाइना के बीच हो रहे ट्रेड वार में भारत को कितना और किस तरह का फायदा है।
01:00एक स्पोर्ट करने की शमता रखते हैं।
01:29दूसरे देशों की तुलना में कम टेरिफ के चलते हमें फायदा होगा।
01:33और साथ ही साथ असोसियेशन ने कहा कि टोई सेक्टर में भारत की करीब 20 कमपनिया पहले सही अमेरिका को बड़े अमाउंट में खिलोनों को एकस्पोर्ट कर रही है।
01:43भी कहा कि कुछ भारतियक स्पोर्ट हाउस ने भी हमें कॉंटक्ट किया है और उन मैनुफैक्टर की लिस्ट माईगी है जो अमेरिकी नियमों के मताबिक खिलोना बना सकते हैं।
01:55ग्लोबल खिलोना और गेमिंग मारकेट करीब करीब 114.4 अरब डॉलर का है वहीं GMI Research के डेटा को देखे तो अमेरिका का खिलोना बाजार बीते साल 2024 में 42.8 अरब डॉलर तक बहुच गया था जिसके 2032 में 56.9 अरब डॉलर के होने का अनुमान है।
02:14वहीं चीन का खिलोना बाजार 2024 में 22.8 अरब डॉलर का था और 2033 तक इसके 50.6 अरब डॉलर तक पहुचने की उमीद है।
02:441.7 अरब डॉलर का है और अब ट्रम्प टेरिफ के चलते सबसे बड़े खिलोना इंपोर्टर अमेरिका में चीनी खिलोना की एंट्री मुश्किल होने से भारत के पास वहां का बिजनस बढ़ाने का मौका है।
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