मोहिं श्याम की बनाय दे दुर्गे माँ। मोहिं श्याम ते मिलाय दे दुर्गे माँ।। तू ही सीता तू ही राधा दुर्गे माँ। तेरे नाम रूप लीला भी हैं अगणित माँ।। तेरी महिमा न जाने विधि हरि हर माँ। तू ही जग रचे पाले और प्रलय करे माँ।। मैं हूँ तेरा शिशु तू ही मेरी दुर्गे माँ। तेरा ऋणी मैं रहूँगा सदा ही दुर्गे माँ।। तू ही मेरी साँची माँ है दुर्गे माँ। जय हो जय हो जय हो दुर्गे माँ।। ~~~~~~