क्या मृत्यु कर्मों के हिसाब से आती है? प्रिय स्वजन की मृत्यु के समय हमें क्या करना चाहिए? पूज्यश्री दीपकभाई से जानते हैं की किस प्रकार स्वजन की मृत्यु के समय पर हम समता में रह सकते हैं |
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00:00પ्રીયસ્યનઝન્કે મિરૃત્યૂગે સમહ હમે कિયો કર્ણા ચાયેયિ હમારા સહी ફરષ કયહ હહઈં ਹઈતी કિસ પરક
00:30मुझे ज़्याती ही नहीं है कि अकिर ऐसा मेरे साथ क्यूं हुआ।
00:36एक result है। पुर्वभव में क्या भी हिसाब बन गया है।
00:41हमारा और उनका इतना ही हिसाब था।
00:44शादी हुई वहां तक आज तक जो हिसाब था उतना हुआ।
00:48हिसाब पुरा हो गया तो चले गए।
00:51जैसे ट्रेन में अलाबाद से अमधावद आता है तो कोई बीच में उतर जाएगा।
00:56क्योंकि उसकी टिकेट उतनी थी।
00:58और कोई लोग अमधावद तक आएंगे उसकी टिकेट उतनी थी।
01:02तो हिसाब वाले इकटा होते हैं।
01:04हमारे राग जैसे मेरे पती, मेरी वाइफ, मेरे बच्चे, मेरे माबाब,
01:08हमारा मो हमें अटेश्मेंट में रखते हैं।
01:11परकि उसका टाइम हो गया तो कुछ,
01:14हम कितना भी बोलें उसको नहीं रुको, रुको,
01:16मेरे टाइम हो गया, सामान उठा के फेकेगा,
01:18खुद भी उतर जाएगा जल्दी से,
01:20क्योंकि इसकी टिकेट पूरी हो गया है।
01:22तो इस जीवन ऐसा है, अनन्त अवतार यही,
01:24पुर्वा बोह में भी ऐसा ही हुआ,
01:26उसके अगले बोह में भी, और नए पति मिलते हैं,
01:28नए वाइफ मिलते हैं, नए बच्चे होते हैं,
01:30यह जनम में हिसाब पूरा करके,
01:32दूसरे जनम में आते हैं,
01:34वहाँ दूसरे सबसबंद में आते हैं,
01:36जिसके साथ ज़्यादा राग द्वेश हो गये,
01:38वह पति होगा, उसके कम राग द्वेश वाली बच्चे होगे,
01:42इससे सब भियावार,
01:44सब लोग हिसाब बाले आते हैं,
01:46हिसाब पूरा करके चले जाते हैं,
01:48अभी यह करना चाहिए,
01:49कि आप मोक्ष मार्ग में आगे बढ़ो,
01:51मैं आपको राग द्वेश मोच से मुक्त करते हूं,
01:54और आप मुझे भी मुक्त करो,
01:56मैं भी मोक्ष मार्ग में आगे बढ़ो,
01:58हमारा हिसाब था, अभी फाईल है,
02:00हमारे इतनी हिसाब वाली थी, तो पूरा हो गया,
02:03जैसे पांच लाग किसे लिया होगा,
02:06तो पांच लाग दे दिया,
02:08तो बादमे वादमी दिखेगा ही नहीं हमें,
02:10क्योंकि राग द्वेश का,
02:11इससे पैसे का हिसाब पूरा हो गया,
02:13यह राग द्वेश का हिसाब वाला संसार है,
02:15हिसाब पूरा हो गया, तो छुटा हो जाते हैं,
02:18अभी हमें वितर में राग द्वेश का,
02:21हिसाब दो डालना चाहिए,
02:23कि आप मोक्ष मार्ग में आगे बढ़ो,
02:25मुझे भी मोक्ष मार्ग में आगे बढ़ने दो,
02:27मैं आपको मुक्त कर देते हूँ,
02:29और इतना समझ लेने का,
02:30जन्म जन्म का हिसाब राग द्वेश के वज़े से इकटा हुए थे,
02:34हिसाब पुरा हो गया, तो छुटा हुए,
02:37अकि बहुत ज़्यादा डेप्प में जाने की जुरुवत नहीं है,
02:40किस वज़े से, किस कारण से हुआ है.