00:00अगर मिल जाता है सब कुछ चहाने से तो इस दुनिया में उपरवाली को ज़रुब नहीं होते हैं
00:04लहजे कभ तक मीठे रखने हैं आजकल ये ज़रुबते तै करते हैं
00:08जब मिलों किसी से तो जड़ा दूर का रुष्टा रखना हैं
00:12बहुत तरपाते हैं अच्छा सीवे से लगाने वाले
00:15अपने से उपरवालों को देखो तो लगता है कुछ भी नहीं है हमारे पास
00:19अपने से नीचे वालों को देखो तो लगता है बहुत कुछ है हमारे पास
00:22जिंदगी में जो मिला है उससे कभी मत खोना तुम निरास
00:26क्योंकि इश्वर ने हमारे लिए सिर्फ वही चुना है जो है हमारे लिए खास
00:30एक मिट्टी की मुर्थियां बनाने वाले ने इश्वर से कहा तू भी कालकार है और मैं भी कालकार है
00:35तुने मुझ जैसे असंख्य पुतले बना कर इस धर्ती पर भेचे हैं
00:38मैंने तेरे असंख्य पुतले बना कर इस धर्ती पर भेचे हैं पर है इश्वर उस समय बड़ी शर्म आती है जब तेरे बनाये पुतले आपस में लड़ते हैं और मेरे बनाये पुतलों के आगे शीस जुखाते हैं