ज्ञानयोग और कर्मयोग में क्या श्रेष्ठ है? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2019)

  • 2 months ago
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वीडियो जानकारी: 11.08.2019, शब्दयोग सत्संग, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:

यत्सांख्यैः प्राप्यते स्थानं तद्योगैरपि गम्यते ।
एकं सांख्यं च योगं च यः पश्यति सः पश्यति ॥

ज्ञानयोगियों द्वारा जो गति प्राप्त की जाती है, कर्मयोगियों द्वारा भी वही प्राप्त की जाती है इसलिए जो पुरुष ज्ञानयोग और कर्मयोग को (फल से) एक देखता है, वही ठीक देखता है ॥
~ श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय ५, श्लोक ५)


~ ज्ञानयोग और कर्मयोग में क्या श्रेष्ठ है?
~ क्या दोनों मार्ग से एक ही स्थान की प्राप्ति होती है?
~ सब मार्गों का संबंध किस से है?
~ किसी भी योग की ज़रूरत किसको होती है?
~ वियोगी का वियोग कैसे मिटेगा?

संगीत: मिलिंद दाते
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