सुप्रीम कोर्ट में एक अजीब ओ गरीब वाकया तब पेश आया, जब अडानी सूह के कर्ताधर्ता गौतम अडानी का केस ही लिस्टेड नहीं किया। इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार के सामने इस मुद्दे को उठाते हुए, इसे गंभीर बताया। इस बात पर हैरानी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट बेंच ने पूछा कि ऐसा कैसे हुआ और किसके कहने पर हुआ। आपको बता दें कि ये मामला जयपुर विद्युत वितरण निगम बोर्ड और अडानी पावर के बीच चल रहे केस से जुड़ा है। इस मामले की सुनवाई का इंतज़ार था, लेकिन सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे को पता चला कि ये केस ही सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध नहीं किया गया। इस पर कड़ी आपत्ती जताते हुए एडवोकेट दुष्यंत दवे मामले को सुप्रीम कोर्ट बेंच के संज्ञान में लेकर आए।