प्यास बुझाती है (Neeraj) (A Classic Hindi Song)

  • 4 months ago
जो जीवन ताप मिटाती है
युग-२ की प्यास बुझाती है
इसके अधरों तक जाकर वह
मधु मदिरा ही विष बन जाए।
क्यों उसको जीवन भार न हो..

जो हिम सी शीतल शांत सजल
है जीवन पंथी की मंजिल
वह अमर मौत भी एक बार
जिसकी मिट्टी से घबराए।
क्यों उसको जीवन भार न हो..

लिखकर दिल हल्का हो जाता
गाकर जिसको गम सो जाता
पर इसके प्राणों में उसकी
कविता ही क्रन्दन उपजाए।
क्यों उसको जीवन भार न हो..

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