जिसकी जितनी संख्या भारी । उसकी उतनी हिस्सेदारी।। जाति जनगणना ही देश के विकास का एक मात्र विकल्प है।
हम समाज को जागरूक करना चाहते हैं। क्योकि जब तक समाज जागरूक नहीं होगा तब तक हमारा हक दूसरे लोग जो सिर्फ 3%हैं खाते रहेगें। और हम 85%मार खाते रहेंगे। ये अन्याय हम कब तक सहते रहेंगे। हमे एकजुट होकर अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा। ये हजारों सालों की गुलामी से आजाद होना होगा। इसी गुलामी से तंग आकर कुछ लोग मुसलमान हो गए मगर फिर भी इनसे आजाद न हो सके। धन्यवाद कृपया आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें ।