अलकनंदा ने नृत्य की ताकत से जीती कैंसर की जंग
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यदि मेरे जीवन में नृत्य नहीं होता, तो शायद मैं कैंसर से टूट जाती। कथक करके मुझे जो ऊर्जा मिलती है, उससे हर मुश्किल का पूरी ताकत से सामना करती हूं। यह कहना है प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना अलकनंदा दास गुप्ता का।
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