दफ्तर में जाकर समझा पापा कितनी मेहनत करते हैं

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बीकॉम के अंतिम वर्ष में हूं। पापा के दफ्तर में जाकर समझा कि वे कितनी मेहनत करते हैं। पापा ने भी टेक्सटाइल में डिजिटल प्रिंटिंग की बारीकियां समझाईं। सच में इंन्टरेस्टिंग वर्क है। थैंक्यू पापा...आज गर्व महसूस हुआ।

- बेटी प्राप्ती शाह, पिता- पिनल शाह, टेक्सटाइल उद्यमी, सू

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