बैंड बाजे नृत्य के साथ निकली गौमाता की अंतिमयात्रा, समाधि के बाद अब बनेगा मंदिर

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उन्होंने आगे कहा, गाय नहीं हमारी मां का निधन हुआ है। इसलिए पारिवारिक सदस्य की तरह उसका अंतिम संस्कार किया गया है।