WEST BENGAL-राजस्थानी भाषा की राजकीय व संवैधानिक मान्यता की पुरजोर मांग
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कोलकाता। किसी भी समाज की पहचान उसकी भाषा है। पहचान तभी जिंदा है जब भाषा जिंदा है। राजस्थानी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष रतन शाह ने मंगलवार को यह बात कही।
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