स्नातक एमएलसी प्रत्याशी न्यायालय जाने को हुई विवस

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बस्ती, 15 जनवरी। स्नातक एमएलसी चुनाव लड़ रही अपराजिता सिन्हा ने निर्वाचन कार्यालय और चुनाव आब्जर्वर पर गंभीर आरोप लगाया है। अपराजिता का नामांकन खारिज कर दिया गया है। अपराजिता ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता कर चुनाव कार्यालय और आब्जर्वर की ज्यादती को लेकर अपनी भड़ास निकाला। कहा कानून पर भरोसा है, कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगी, भरोसा है न्याय मिलेगा और षडयंत्रकारियों के मंसूबे पर पानी फिर जायेगा।

उन्होने कहा दो साल कड़ी मेहनत कर 40 से 50 हजार वोटर बनवाया। तमाम जिलों का दौरा किया। दूसरे की गलती के चलते लाखों रूपया बरबाद हो गया। दरअसल मतदाता सूची में अपराजिता और उनके पति का नाम पता गलत था, उन्होने इसमें सुधार के लिये निर्वाचन कार्यालय में 30 नवम्बर को आवेदन किया था, अपने सामने रजिस्टर में सही नाम इण्ट्री कराया था। निर्वाचन कार्यालय से उन्हे भरोसा दिलाया गया था कि गलती सुधार कर ली जायेगी, फाइनल सूची में सही नाम पता मिलेगा। लेकिन नामांकन दाखिल करने तक इसमे कोई सुधार नही किया गया।

इस बावत अपराजिता ने जिलाधिकारी को भी 06 जनवरी को शिकायती पत्र देकर त्रुटियों को सुधारने का आग्रह किया था। लेकिन किसी भी स्तर से गलती को सुधारने का प्रयत्न नही किया गया। 12 जनवरी को अपराजिता गोरखपुर नामांकन करने पहुंची। निर्वाचन कार्यालय की त्रुटियों के संदर्भ में साक्ष्य के साथ सही नाम पता दिखाते हुये शपथ पत्र भी दिया। लेकिन नामांकन के आवेदन पत्र में नाम पता और अपराधों के विवरण (फार्म 26) में मामूली त्रुटि दिखाकर नामांकन खारिज कर दिया गया। अपराजिता का कहना है कि चुनाव आयोग की स्पष्ट घोषणा है कि किसी को चुनाव लड़ने से नही रोका जायेगा लेकिन उनके साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया गया है।

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