क्या सुप्रीम कोर्ट मुहर लगाए तभी कानून बनेगा, उप राष्ट्रपति ने खोला न्यायपालिका के खिलाफ मोर्चा
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"सरकार और न्यायपालिका के बीच गतिरोध ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक बीजेपी से जुड़े हुए लोग न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे है की अब कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने भी न्यायपालिका पर सवाल उठा दिए है. एक मंच पर एक नहीं बल्कि तीन बड़ी सवैंधानिक पद पर बैठे लोगो ने न्यायपालिका को सवालों के घेरे में लिए है.. कौन कौन है ये लोग और इन्होने क्या कहा है इस शो में आपको बताते है

सबसे पहले आपको बताते है कौन कौन है वो शख्स जिन्होंने न्यायपालिक पर सवाल उठाये है. पहला नाम है देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, दूसरा नाम है लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और तीसरा नाम है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. इन तीनो ने एक ही मंच से न्यायपालिका के प्रति नाराज़गी जाहिर की है. दरअसल राजस्थान में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में ये बातें कहीं है.

सबसे पहले आपको बताते है की उप राष्ट्रपति ने क्या कहा है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के कामों में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा- संसद कानून बनाता है और सुप्रीम कोर्ट उसे रद्द कर देता है। क्या संसद द्वारा बनाया गया कानून तभी कानून होगा जब उस पर कोर्ट की मुहर लगेगी।

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