news strike: Nagriya nikay chunav में अलग थलग पड़े Jyotiraditya Scindia, Shivraj singh chouhan की भी नहीं चली!
  • 2 years ago
दो कहावतें आपने सुनी होंगी. पहली तूती बोलना. और दूसरी नक्कारखाने में तूती बोलना. ये दोनों ही कहवातें बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बिलकुल फिट बैठती हैं. अब आप पूछते हैं क्यों या ये सवाल भी हो सकता है कि इन कहावतों का मतलब क्या है. चलिए पहले मतलब बताते हैं पहले ग्वालियर चंबल में महाराज की तूती बोलती थी. यानि महाराज की धाक जमी हुई थी. जो उन्होंने कहा वो हो गया. अब उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह है. वो यूं कि अब बीजेपी के नक्करखाने में सिर्फ ग्वालियर चंबल ही नहीं हर क्षेत्र में इतने बड़े बड़े नेता हैं कि छोटी सी तूती की आवाज ही किसी को सुनाई नहीं देती. इसी नक्कारखाने की एक बैठक में सिंधिया बार बार अपने समर्थकों के नाम गिनवाते रहे. लेकिन उनकी तूती की आवाज अनसुनी कर दी गई.
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