अफसरों के बंगलों पर आरक्षकों की बेगारी कब तक

  • 2 years ago
सैलेरी है 70 हजार रु. और काम है कपड़े धोने का, खाना पकाने का या हजामत करने का.. आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार ऐसी कौन सी नौकरी है जहां 70 हजार रु. देने के बाद भी वर्कर से ये सब काम करवाए जा रहे हैं तो जनाब ये है मप्र का पुलिस डिपार्टमेंट.. जहां ट्रेडमैन आरक्षकों से अफसरों के बंगलों पर ये बेगारी करवाई जा रही है.. ये आरक्षक प्रमोशन पाकर एएसआई तक बन चुके हैं लेकिन अफसरों के बंगलों से इनका छुटकारा हो नहीं पा रहा... सबसे चौंकाने वाली बात ये हैं कि सरकार ने ट्रेडमैन आरक्षकों के संविलियन का सामान्य आरक्षकों के तौर पर करने की अनुशंसा कर दी है लेकिन पीएचक्यू इस अनुशंसा पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा.. गृहविभाग को जवाब भी नहीं दिया जा रहा.. इस रिपोर्ट को दिखाने से पहले आपको दिखाते हैं एक शख्स का वीडियो जो पहले पुलिस का जवान था.. इस वीडियो के जरिए इस शख्स ने आरक्षकों की पीड़ा बयां की है.. देखिए...