ढोल की थाप, डांडियों की खनक और कदमों की थिरकन
  • 2 years ago
बांसवाड़ा. मातारानी त्रिपुरा सुंदरी का दरबार। अनवरत बजते लोक वाद्य ढोल, थाली व कुण्डी की अनुगूंज, डांडियों की खनक और पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे युवक-युवतियों की लयबद्ध कदमताल।
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