बुझे हुए दीपक मे देखो तेल और औषधि डाल रहे है जाने वाला चला गया है माटी लोग संभाल रहे है जाने वाला चला गया है माटी लोग संभाल रहे है चक्रवर्ती कह कर सारा जग जिसको उनमन करे आदर से चार दिशा मे जिसका गौरव सुर नर मुनि गाते एक स्वर से पुत्र रत्न है चार मगर, चारों के चारों दूर है घर से सब कुछ होते एक राजा अपने अंतिम संस्कार को तरसे अपने अंतिम संस्कार को तरसे जाने वाला चला गया