सपा का चक्रव्यूह भेदने में फेल हुए बीजेपी सांसद और विधायक II देखिए कैसे सपा ने कर दिया कमाल ?

  • 3 years ago
एक जिला जहां बुरी तरह फेल हुई बीजेपी
सपा की रणनीति के सामने फिसड्डी बनी बीजेपी
बीजेपी के सांसद और विधायक नहीं ले पाए टोह
सपा ने बिछाया ऐसा जाल कि RSS भी हो गई फेल
बीजेपी की हर चाल को सपा ने कर दिया फेल
सपा के गढ़ में लगे झटके को नहीं बर्दाश्त कर पा रही बीजेपी

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में लोकतंत्र को ताख पर रखकर बीजेपी भले ही तमाम जिलो में कुर्सी को हथिया रही है लेकिन हकीकत देखी जाए तो एक जिला ऐसा भी है जहां बीजेपी को सपा ने नानी याद दिला…और बीजेपी के तमाम कद्दावर नेताओं के पसीना बहाने के बाद भी सपा ने ही जीत का परचम लहराया और ऐसी शानदार जीत दर्ज की कि बीजेपी अपनी हार को कभी नहीं भुला पाएगी…एक लोक सभा सांसद, एक राज्यसभा सदस्य और दो विधायकों के बावूजद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की एकमात्र एक जिला पंचायत सदस्य की सीट पर जीत कई तरह के सवाल खड़ा करता है…आखिरकार ऐसा कैसे हो गया कि इतने प्रभावी नेताओं की मौजूदगी के बावूजद भी बीजेपी केवल एक सीट तक ही सिमट कर रह गई…RSS की बात की जाए तो बीजेपी के लिए तमाम हाथ पैर मारने के बाद भी RSS बीजेपी के लिए कुछ सुखद नहीं बना पाई और बीजेपी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा…बीजेपी सांसद और विधायकों का दावा था कि सपा को वो बुरी तरह से हराएंगे लेकिन नतीजे आए तो बीजेपी बुरी तरह से हारकर खुद ही रेस से बाहर हो गई…और सपा ने बीजेपी को जो शिकस्त दी वो शायद ही बीजेपी कभी भूल पाए…दरअसल समाजवादी गढ़ इटावा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मुलायम सिंह यादव के भतीजे अभिषेक यादव की जीत के बाद जहां सपा खेमे में खुशी की लहर है तो वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में मायूसी देखी जा रही है…समाजवादी पार्टी से निर्वाचित हुए अभिषेक यादव कहते हैं कि उनकी और उनके सदस्यो की जीत भारतीय जनता पार्टी की विफलताओ का परिणाम है…बीजेपी झूठ की राजनीति करती है तभी तो इस स्थिति मे आ गई कि उसे केवल एक ही सीट से संतोष करना पड़ा है…इसी कारण भारतीय जनता पार्टी न तो इस सीट के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर पाई और न ही कोई ऐसी कोशिश ही कर पाई जिससे ऐसा कहा जाए कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जनता पार्टी की ओर से कोई प्रयास भी किया गया है…बीजेपी जिला अध्यक्ष अजय धाकरे का कहना है कि उनकी पार्टी के पास जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए निर्धारित जनमत नहीं था…इसलिए उनकी पार्टी की ओर से उम्मीदवार की धोषणा भी नहीं की जा सकी…पार्टी हार के कारणो की समीक्षा करने मे लगी हुई है…जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी का हर छोटा बड़ा नेता जिला पंचायत अध्यक्ष पद से मुलायम परिवार का कब्जा मुक्त कराने का दावा करता था…असल में समाजवादी के गढ़ इटावा में 2017 विधानसभा चुनाव में इटावा सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी से सरिता भदौरिया, भरथना सुरक्षित विधानसभा सीट से सावित्री कठेरिया ओर 2019 के संसदीय चुनाव में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया भारतीय जनता पार्टी से सांसद निर्वाचित हुए…इन 3 अति महत्वपूर्ण जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि लगातार इस बात का दावा करते हुए देखे और सुने जाते रहे कि 1989 से इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर एक ही परिवार का कब्जा बरकरार बना हुआ है…भारतीय जनता पार्टी अबकी बार इस सीट पर अपना प्रतिनिधि हर हाल में बैठाएगी…इसके लिए कोशिशें भी शुरू हुई…जब कभी भी राजधानी लखनऊ से भारतीय जनता पार्टी का कोई मंत्री या बड़ा पदाधिकारी इटावा के दौरे पर आता तो वो भी हमेशा इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपाई प्रतिनिधि को काबिज कर

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