मैं सेंसरिंग का विरोधी हूं, आख़िर सेंसर करने वाले को कौन सेंसर करेगा - प्रकाश झा I Aashram 2

  • 3 years ago
धर्म, आस्था और राजनीति, इनके ताने-बाने कई बार हमारे समाज में इस तरह से तरह से उलझे नज़र आते हैं कि जो दिखता है, उस पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है और जो सच है उसे झुठलाया भी नहीं जा सकता। यहां एक और बात है कि विश्वास के बिना दुनिया नहीं चलती है, लेकिन विश्वास जब अंधविश्वास बन जाता है तो दुनिया का चेहरा बिगड़ते देर नहीं लगती। कुछ ऐसा ही देखने को मिला हालिया रीलिज़ सीरिज़ आश्रम में, जिसकी कहानी में यही सब देखने को मिलता है कि आस्था के जिस दरवाज़े पर लोग हर सवाल का जवाब पाने जाते हैं, वह अपने-आप ही कितने सवालों को जन्म दे देता है। इसे लेकर आए हैं जाने-माने निर्माता निर्देशक प्रकाश झा। आश्रम की ये कड़ी इस सीरिज़ का दूसरा सीज़न है, जिसका इंतज़ार पहले सीज़न की समाप्ति के साथ ही शुरू हो गया था। इस बारे में और ज़्यादा बात करने के लिए हम सीधे जुड़ रहे हैं प्रकाश झा जी से ही।

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