अलीगढ़ शराब कांड: देखिए कैसे सत्ता, प्रशासन और कमीशन के खेल में तबाह हुए परिवार ?

  • 3 years ago
अलीगढ़ शराब कांड के असली गुनहगार देखिए !
सच्चाई जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान !
आरोपियों में शामिल हैं सत्ताधारियों के यार !
कई राजनीतिक दलों के नेताओं का नाम आ रहा सामने !
प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत का भी हुआ खुलासा !
देखिए कौन से अधिकारी ने की कौन सी गलती ?
और रसूखदारों की मनमानी ने तबाह की गरीबों की खुशियां ?

यूपी के अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से अब तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैऔर अभी भी कई लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं…इनमें से कुछ जिला अस्पताल और कुछ मेडिकल कॉलेज में भर्ती है…ऐसे में एक दैनिक अखबार ने अलीगढ़ के इस कांड का पर्दाफाश किया है और जो खुलासा किया है उससे हर तरफ सनसनी तो है ही साथ ही प्रशासन से लेकर विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी हर किसी पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि जहरीली और जानलेवा शराब के इस गोरखधंधे में ऊपर से लेकर नीचे तक के लोग कमीशन के लालच में जुड़े थे…जिनके लालच ने तमाम घरों को तबाह कर दिया और हंसते खेलते परिवारों की खुशियों को आग लगा दी…अखबार दैनिक भास्कर ने जहरीली शराब कांड की ग्राउंड जीरो से पड़ताल की तो इन मौतों के लिए 6 जिम्मेदार मिले, इनमें से 5 बड़े चेहरे सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं…इन 5 जिम्मेदारों में दो आरोपी वो हैं जो जहरीली शराब बनवाकर बाजार में बेचते थे…इन दोनों की राजनीति में अच्छी पैठ है…एक का नाम ऋषि शर्मा है…जो सत्ताधारी पार्टी BJP से जुड़ा हुआ है तो दूसरे का नाम अनिल चौधरी है जो पश्चिमी यूपी में काफी दमखम रखने वाली RLD से जुड़ा बताया जा रहा है…इसके अलावा तीन जिम्मेदार सिस्टम से जुड़े हुए हैं…इनमें एक अलीगढ़ के DM, दूसरे SSP और तीसरे ADM फाइनेंस हैं…अब तक सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, आबकारी निरीक्षक राजेश यादव, प्रधान सिपाही अशोक कुमार, निरीक्षक चंद्रप्रकाश यादव और सिपाही रामराज राना और एसएचओ लोधा को निलंबित कर दिया है…ये सब इस कड़ी में सबसे निचले स्तर के जिम्मेदार थे…दैनिक भास्कर ने इस शराब कांड को लेकर आबकारी कमिश्नर पी गुरुप्रसाद से सीधे बातचीत की…उनसे सवाल पूछा कि इस कांड के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं? बार-बार इस तरह के कांड होने के बावजूद सरकार और विभाग क्यों नहीं इस पर रोक लगा पा रही है? इन सवालों का सीधे तौर पर आबकारी कमिश्नर के पास जवाब नहीं था…उनका कहना था कि DM ने इस मामले की जांच ADM को सौंपी है…रिपोर्ट मिलने के बाद जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी…कमिश्नर ने ये भी बताया कि पिछले 3-4 महीने में आबकारी विभाग ने 1 हजार लीटर से ज्यादा अवैध शराब जहां भी बरामद हुई है…उसकी चेन तोड़ने की कोशिश की है…मतलब शराब बनाने से लेकर उसे बेचने तक के लोगों को पकड़ा जा रहा है…हालांकि, आंकड़े बता रहे हैं कि इसी दौरान जहरीली शराब से सबसे ज्यादा मौतें भी यूपी में देखने को मिली हैं…मार्च से लेकर अब तक का आंकड़ा देखें तो 70 लोग जान गंवा चुके हैं…अलीगढ़ के 4 थाना क्षेत्र जवा, लोधा, खैर और गभाना में आने वाले छेरत, करसुआ, अण्डला और राइट गांव में सरकारी देशी शराब के ठेकों से अवैध शराब बेची गई…पुलिस के पास इसकी कोई जानकारी नही थी ? शराब से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि कहां कैसी शराब बिकती है इसकी जानकारी पुलिस को रहती है…क्योकि पुलिस का महीना हर ठेके से बंधा रहता है तो कोई सवाल नही उठाता है…यहां पुलिस का मुखबिर तंत्र भी फेल रहा…ऐसे में अभी तक पुलिस पर कोई कार्रवाई न होना अपने आप मे सवाल खड़े करता है…हालांकि जो भी नाम सामने आए हैं और जो भी जानकारी हम दे रहे हैं वो सब दैनिक भास्कर के हवाले से दे रहे हैं इसकी सच्चाई पर

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