अपनी ही सरकार में बीजेपी विधायक को नहीं मिल रहा इंसाफ II योगी भी नहीं सुन रहे गुहार !

  • 3 years ago

इंसाफ के लिए भटक रहे बीजेपी विधायक का दर्द !
पहले बेटा खोया और अब सरकार से नही मिल रहा सहयोग !
बेटे के लिए इंसाफ मांग रहे MLA की नहीं सुन रहे योगी !
FIR न लिखे जाने से बीजेपी विधायक खा रहे ठोकरें !
योगी के राम राज में विधायक के साथ हो रही नाइंसाफी !
अस्पताल की लापरवाही से गई विधायक के बेटे की जान !

खबर को शुरू करने से पहले आप से निवेदन है कि ये खबर शुरू से लेकर अंत तक देखिएगा…तब आपको पता चलेगा कि आपकी हैसियत मौजूदा यूपी सरकार में क्या है…दरअसल उत्तर प्रदेश में महामारी में जो हालात निकल कर सामने आए हैं उसने इंसानियत और इंसाफ से भरोसा तोड़ दिया…आम आवाम को वैसे दिक्कत होती थी तो विधायक के पास इंसाफ के लिए जाती थी और विधायक सरकार के पास जाकर मजलूमों को इंसाफ दिलवाते थे…लेकिन 2017 के बाद एक ऐसी सरकार बनी जो अपने ही विधायक की दुख भरी दास्तां नहीं सुन रही हैं तो फिर आम आवाम की बात सुनने का सवाल ही पैदा नहीं होता…कहने को प्रदेश में जनहितकारी स्वयंघोषित यशस्वी सीएम योगी राम राज के अगुवाकार हैं…लेकिन राम राज के अगुवाकार उन्ही लोगों की गुहार नहीं सुन रहे हैं जिन लोगों ने रामराज स्थापित करने और योगी आदित्यनाथ को अपना मुखिया सहर्ष स्वीकार किया था…आप सोच रहे होंगे किया ऐसा क्या हुआ है तो फिर कहता हूं कि शुरू लेकर अंत तक इस खबर को पूरा देखिएगा…तभी आप समझ पाएंगे कि आखिर माजरा क्या है…उत्तर प्रदेश में सरकार चला रही बीजेपी के विधायकों की दारूण दशा कोरोना महामारी के इस दौर में रिस-रिस कर लोगों के सामने आ रही है…हालात इतने ख़राब हैं कि हरदोई की संडीला विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक राजकुमार अग्रवाल के बेटे की एक महीना पहले कोरोना से मौत हुई थी लेकिन अब तक वो इस मामले में FIR तक दर्ज नहीं करा सके हैं…बीजेपी के विधायक के साथ ये हो रहा है तो महामारी के प्रचंड वेग के दौरान जनता की क्या दुर्दशा इस उत्तर प्रदेश में हुई होगी, उसका अंदाजा लगाने के लिए आपको ज़्यादा माथापच्ची करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी…विधायक राजकुमार अग्रवाल के बेटे आशीष अग्रवाल की उम्र 30 साल थी…आशीष स्थानीय अथर्व अस्पताल में भर्ती थे, जहां बताया जाता है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी…परिवार के लोग ऑक्सीजन का भरा हुआ सिलेंडर लेकर अस्पताल के बाहर बैठे रहे…लेकिन काफी देर तक निवेदन करने के बाद भी अस्पताल वालों ने ऑक्सीजन नहीं ली और आशीष की मौत हो गई…ये घटना 25 अप्रैल की है…आशीष अग्रवाल ख़ुद भी बीजेपी के नेता थे और सरकारी संस्था पैक्स पैड के निदेशक थे…विधायक अग्रवाल ने अथर्व अस्पताल के प्रबंधन को अपने बेटे की मौत का जिम्मेदार ठहराया था और स्थानीय काकोरी थाने में तहरीर भी दी थी…तहरीर में बेटे के इलाज में लापरवाही करने और षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था…तब से अब तक एक महीना पूरा हो चुका है और बीजेपी विधायक राजकुमार अग्रवाल अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा चुके हैं लेकिन कार्रवाई तो छोड़िए FIR तक दर्ज नहीं हो पाई है…विधायक इस बारे में मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री से भी कई बार गुहार लगा चुके हैं…लेकिन नतीजा शून्य ही रहा है…कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर में बीजेपी के कई सांसदों, विधायकों, केंद्रीय मंत्रियों तक ने शिकायत की कि प्रदेश में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है और वे पूरी तरह बेबस हैं…इस वजह से योगी सरकार के कामकाज पर सवाल तो उठे ही, पार्टी नेताओं की शिकायत को बीजेपी में उनके ख़िलाफ़ बढ़ती नाराज़गी के रूप में लिया…ऐसे में सवाल इस बात का है कि जो सरकार अपने

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